यात्री के आतंकवादी होने का डर सता रहा है टैक्सी चालकों को
मुंबई, 29 नवंबर(आईएएनएस)। नसीम की आंखों में बेचैनी है और उसने खुद को नियति के हवाले कर दिया है। इस टैक्सी चालक को यह डर सता रहा है कि कहीं उसकी गाड़ी में कोई आतंकवादी न सवार हो जाए। ऐसे खौफ से दूसरे टैक्सी चालक भी गुजर रहे हैं।
मुंबई, 29 नवंबर(आईएएनएस)। नसीम की आंखों में बेचैनी है और उसने खुद को नियति के हवाले कर दिया है। इस टैक्सी चालक को यह डर सता रहा है कि कहीं उसकी गाड़ी में कोई आतंकवादी न सवार हो जाए। ऐसे खौफ से दूसरे टैक्सी चालक भी गुजर रहे हैं।
मुंबई की आतंकवादी वारदातों ने टैक्सी चालकों का भरोसा चकनाचूर कर दिया है। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि आम यात्री और आतंकवादी के बीच का फर्क कैसे तय किया जाए। नसीम कहता है, "मुझे यह डर सताता रहता है कि कहीं मेरी गाड़ी में बैठा कोई व्यक्ति आतंकवादी तो नहीं है। जब भी कोई व्यक्ति मेरी ओर बैग के साथ बढ़ता है मेरी धड़कन बढ़ जाती है। बैग में बम होने का भय सताने लगता है।"
ताजा आतंकवादी घटनाओं से टैक्सी चालकों का धंधा मंदा पड़ गया है। नसीम कहता है, "शुक्रवार को पूरे दिन मैंने हवाई अड्डे का सिर्फ एक चक्कर लगाया। सिर्फ एक यात्री ही मुझे मिला।" उसका दोस्त मकबूल भी इसी उलझन में फंसा रहता है कहीं उसका किसी आतंकवादी से साबका न पड़ जाए। मकबूल कहता है, "जब भी कोई वारदात होती है हम पर पुलिस का दबाव बढ़ जाता है। ताजा घटना से हमारा धंधा प्रभावित हुआ है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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