विस चुनाव: मप्र में भाजपा की सभाओं भीड़ न जुटने से नेतृत्व चिंतित
भोपाल 11 नवंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी ताकत उसकी सरकार का कामकाज और राजधानी भोपाल से लेकर जिले स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में पहुंचने वाली भीड़ रही है, मगर सोमवार को चुनाव प्रचार के श्रीगणेश के मौके पर अपेक्षित भीड़ न जुट पाने से पार्टी नेतृत्व की चिन्ताएं बढ़ गई हैं।
मध्यप्रदेश सहित छह राज्यों के विधानसभा चुनाव को भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल मानकर चल रही है। इसी बात को ध्यान में रखकर भाजपा ने सोमवार को एक साथ सभी 50 जिलों में 77 जन सभाएं करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इन सभाओें को भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के अलावा मुरली मनोहर जोशी, वेंकैया नायडू, सुषमा स्वराज, अनन्त कुमार जैसे राष्ट्रीय नेताओं के अतिरिक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने संबोधित किया।
कुछ सभाओं को छोड़कर बाकी की सभाओं में भाजपा की उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटी पाई। कई जगह तो आलम यह रहा कि भीड़ का आंकड़ा हजार को भी पार नहीं कर पाया।
भोपाल के इकबाल मैदान में हुई सभा में राजनाथ सिंह के न पहुंचने की वजह भी भीड़ की कमी को माना जा रहा है, मगर पार्टी इससे इंकार करती है। एक ओर जहां प्रदेश प्रवक्ता उमाशंकर गुप्ता ने आईएएनएस से चर्चा के दौरान कहा कि पार्टी अध्यक्ष का स्वास्थ्य ठीक नहीं था, इसलिए वे सभा में नहीं आए। वहीं मीडिया प्रमुख गोविन्द मालू कहना है कि भोपाल में कम लोग इसलिए पहुंचे कि यह अफवाह उड़ा दी गई थी कि राजनाथ सिंह नहीं आ रहे है।
राजनाथ सिंह तो छतरपुर में हुई सभा में कम भीड़ को देखकर अपने दिल की बात भी कह गए। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को स्थानीय नेताओं और उम्मीदवार से कुछ नाराजगी हो सकती है, मगर वे पार्टी से दूर न जाएं क्योंकि दल के नेता गंगोत्री की तरह पवित्र और साफ हैं।
चुनाव प्रचार के पहले दिन की सभाओं में कम भीड़ ने दूसरे राजनैतिक दलों को भाजपा पर हमला बोलने का मौका दे दिया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता क़े क़े मिश्रा का कहना है कि भाजपा नेताओं की सभाओं में भीड़ नहीं जुटने से साबित हो गया है कि जनता का भाजपा से मोह भंग हो चुका है। पहले जो भीड़ पहुंचती थी, वह आती नहीं थी बल्कि ढोकर लाई जाती थी। जनता ने अब भाजपा को आईना दिखा दिया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव बादल सरोज ने तो इसे जनता का मौन जनादेश करार दिया है। उनका कहना है कि भाजपा ने हमेशा ही सत्ता का दुरूपयोग कर भीड़ जुटाई है। जनता को एक बार तो बेवकूफ बनाया जा सकता है मगर दूसरी बार नहीं, यह बात साबित हो चली है। भारतीय जनशक्ति के प्रवक्ता नरेन्द्र बिरथरे भी मानते है कि भाजपा हमेशा सरकारी संसाधनों से भीड़ जुटाती आई है, लेकिन भाजपा को अब अपनी असलियत का एहसास होने लगा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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