ग्वालियर में 'युगल मिलन' के लिए केबिन सुविधा
ग्वालियर, 14 सितंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर की आबोहवा बदल चली है। अब तो ख्वाबों की उड़ान भरती नई पीढ़ी को मौज मस्ती के लिए जगह भी आसानी से मिलने लगी है। आलम यह है कि कई रेस्तरांओं में ऐसे केबिन बना दिए गए हैं जहां नई पीढ़ी के युगल बगैर किसी बाधा और व्यवधान के वक्त गुजार सकते हैं।
ग्वालियर का नया विकसित इलाका है सिटी सेंटर और जीवाजी विश्वविद्यालय के आसपास की कॉलोनियां। इन इलाकों में बहुसंख्यक छात्र-छात्राओं का बसेरा है। यहां आधा दर्जन ऐसे रेस्तरां हैं जो युगलों के मिलन स्थल में बदल चुके हैं। रेस्तरां मालिक भी इन युगलों के जरिए मोटी कमाई करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने छोटे-छोटे केबिन बना दिए हैं। जिनमें बैठने की दरें भी तय है। कहीं 40 तो कहीं 60 रुपये प्रति घंटे की दर से भुगतान करने पर केबिन उपलब्ध कराया जाता है। इस दौरान खाने पीने के लिए मंगाए गए सामान की कीमत अलग से होती है।
रेस्तरांओं में बनाए गए मिलन केबिन में बमुश्किल से दो लोगों के बैठने की जगह होती है। कहीं एक साथ बैठने का इंतजाम है तो कहीं आमने सामने बैठकर जोड़े पींगें लड़ा सकते हैं। तीन ओर से बंद इन केबिन में प्रवेश करने वाले हिस्से पर कहीं दरवाजा लगा है तो कहीं पर्दे डालकर उन्हें क्लिप के सहारे बंद कर दिया जाता है। केबिन के भीतर बैठे जोड़े का एकाकीपन (प्राइवेसी) तब तक भंग नहीं किया जाता जब तक वह वेटर आदि को बुलाता नहीं है।
इन रेस्तरांओं में हालत यह है कि कई जोड़ों को घंटों इंतजार करने के बाद ही केबिन में जगह मिल पाती है। सुबह से लेकर रात नौ बजे तक इन रेस्तरांओं में युगलों का जमावड़ा रहता है तथा रेस्तरां संचालकों की बल्ले बल्ले जारी है। इन मिलन केबिन की खबर प्रशासन और पुलिस को है मगर हाथ डालने को कोई भी तैयार नहीं है।
इस शहर की बदलती संस्कृति को लेकर कई सामाजिक संगठन चिंता जता चुके हैं। इस संदर्भ में कलेक्टर आकाश त्रिपाठी से पूछा गया तो उनका कहना था कि रेस्तरांओं में बने ऐसे केबिन संस्कृति को नुकसान पहुंचाने वाले हैं। उनकी कोशिश रहेगी कि ऐसे रेस्तरां संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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