अहमदाबाद विस्फोट : 16 बम धमाकों में 15 मरे, 100 घायल (लीड-3)
अहमदाबाद, 26 जुलाई (आईएएनएस)। कर्नाटक की राजधानी बंगलौर में शुक्रवार को हुए 8 सिलसिलेवार बम धमाकों के ठीक एक दिन बाद शनिवार शाम गुजरात के अहमदाबाद में अलग-अलग स्थानों पर 16 सिलसिलेवार बम धमाके हुए। इन धमाकों में 15 लोग मारे गए, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए।
धमाकों के कुछ ही घंटों बाद कई टेलीविजन चैनलों ने दावा किया कि उन्हें एक ई-मेल प्राप्त हुआ है, जिसमें इंडियन मुजाहिद्दीन नामक संगठन ने अहमदाबाद धमाकों की जिम्मेदारी ली है।
खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक अहमदाबाद, बंगलौर और जयपुर में हुए धमाकों में कई समानताएं हैं।
सभी बम धमाके शहर के पूर्वी इलाके में हुए। जिन इलाकों को निशाना बनाया गया है वे सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील हैं।
गुजरात के शहरी विकास मंत्री नितिन पटेल के मुताबिक इन बम धमाकों में 15 लोग मारे गए जबकि 100 लोग घायल हुए हैं।
संवाददाताओं से बातचीत में पटेल ने कहा, "जहां तक मेरी जानकारी है, इस हादसे में अब तक 15 लोग मारे गए हैं जबकि 100 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। इस समय हम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के साथ बचाव कार्य में जुटे हैं।"
उधर पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 70 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है और घायलों की संख्या अभी बढ़ने की आशंका है। घायलों को यहां के सिविल अस्पताल और वी. एस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों के मुताबिक अधिकांश बम कम तीव्रता वाले थे, जो साइकिल या खाने की टिफिन में रखे गए थे।
पहला धमाका गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विधानसभा क्षेत्र मणिनगर के जवाहर चौक के पास 6.45 मिनट पर हुआ। इसके बाद 15 मिनट के अंतराल पर सात और धमाके हुए।
दूसरा धमाका ठक्कर बापानगर में हुआ। यहां चार लोग मारे गए। इसके 15 मिनट के बाद तीसरा धमाका बापूनगर के सरदार पटेल डायमंड मार्केट में हुआ। यहां लगातार दो विस्फोट हुए।
इसके तत्काल बाद पुराने शहर क्षेत्र के सारंगपुर ब्रिज में विस्फोट हुआ। ईसानपुर, नरोल, सरखेज, ओधाव और बापूनगर में भी धमाके हुए। एल जी अस्पताल के पास भी दो बम धमाके हुए।
मणिनगर में रहने वाले सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल बालाकृष्ण मेहता ने बताया, "सबसे पहले तो मैंने एक जोरदार धमाका सुना। मुझे समझ में नहीं आया कि आखिर हुआ क्या है। अचानक चारों ओर अफरा-तफरी फैल गई। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है।"
उन्होंने कहा, "तभी मैंने देखा कि कई साइकिलों के परखच्चे उड़ गए। मुझे एहसास हुआ कि ये तो आतंकवादी हमला है। हम घायलों के बचाव कार्य में जुट गए।"
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे को अमानवीय बताया है और साथ ही राज्य की जनता से शांति बरतने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।
इस बीच पूरे राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा और राजकोट में सुरक्षा व्यवस्था और भी बढ़ा दी गई है।
अहमदाबाद रेलवे स्टेशन और सरदार पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को पूरी तरह सील कर दिया गया है। शहर से बाहर आने-जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है।
धमाके की सूचना मिलते ही आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंच गए और बचाव कार्य में जुट गए।
केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने बम धमाकों के महज तीन घंटे के भीतर ही यह दावा किया है कि उनके पास विस्फोटों से जुड़ी अहम जानकारियां उपलब्ध हैं लेकिन वे इसे सार्वजनिक नहीं करेंगे।
राजधानी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा, "हम इस घटना पर दुख जताते हैं और इसकी कड़ी भर्त्सना करते हैं। जो लोग हताहत हुए हैं, हम उनके दुख में शरीक हैं। अभी कोई निष्कर्ष निकालने का वक्त नहीं है। घायलों पर मरहम पट्टी करने का वक्त है। "
उन्होंने कहा, "मैं लगातार जानकारी ले रहा हूं। अलग-अलग जानकारियां मेरे पास आ रही हैं। लेकिन इन जानकारियों को सार्वजनिक करना अभी उचित नहीं है। सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना राज्य सरकार का काम है लेकिन मैं इस वक्त तू-तू, मैं-मैं में नहीं पडूंगा। सुरक्षा व्यवस्था में जो कमियां हैं, उसके बारे में राज्य सरकारों व पुलिस के साथ बैठकर चर्चा करूंगा।"
लोकसभा में विपक्ष के नेता व गुजरात के गांधीनगर से सांसद लालकृष्ण आडवाणी ने बम धमाकों के लिए केंद्र सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए पोटा कानून बनाया गया था लेकिन इस सरकार ने इस कानून को समाप्त कर दिया। इससे आतंकवाद विरोधी लड़ाई कमजोर पड़ी है। केंद्र सरकार को आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ सख्ती से पेश आना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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