एयरलाइन उद्योग में तलाशें रोजगार के अवसर
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। सर्वविदित या लोकप्रिय धारणा के प्रतिकूल एयरलाइन के क्षितिज या आयाम अधिक व्यापक हैं। एयरलाइन का क्षेत्र मात्र एयर होस्टेस या पायलट तक सीमित नहीं है। यह ऐसा उद्योग है जो राष्ट्र की सेवा में जुटा है। इस उद्योग की तीन प्रमुख शाखाएं हैं - फ्लाइंग शाखा, तकनीकी शाखा और ग्राउंड ड्यूटी शाखा।
फ्लाइंग शाखा- यह एयरलाइन का सर्वाधिक आकर्षक कार्य है। इस क्षेत्र में काफी ग्लैमर तथा रुपया है, लेकिन एयरलाइन या फ्लाइंग शाखा मात्र ग्लैमर या पैसे की दुनिया तक सीमित नहीं है। व्यावसायिक पायलट की जिम्मेदारी महंगी मशीनरी और सैकड़ों यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अत: अपने कैरियर के रूप में इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए आप में साहस और आत्मविश्वास होना चाहिए।
इस क्षेत्र में जमीन पर कार्य करने वाले कार्मिक तथा फ्लाइट कार्मिक शामिल हैं। जहाज की उड़ान के दौरान पायलट यात्रियों, कर्मीदल तथा विमान के लिए जिम्मेदार होता है। पायलट में श्रेष्ठ उड़ान कौशल होने चाहिए। उसे समय-अंदर की जटिलताओं, परिवर्तित रुख, फ्लाइट के सिद्धांत तथा वायुगति से अवगत होना चाहिए। वह बादलों के प्रकार को पहचानने, मौसम चार्टों को पढ़ने तथा जलवायु का पूर्वानुमान करने के योग्य होना चाहिए।
एयर होस्टेस अन्य फ्लाइंग शाखा का क्षेत्र है। इस कार्य के बारे में यह अनुचित धारणा बनी है कि यह कार्य ग्लैमरयुक्त है। एयर होस्टेस से अपेक्षा की जाती है कि वह उड़ान से कम से कम आधा घंटा पहले एयरपोर्ट पर पहुंच जाए। उन्हें सीनियर अधिकारी उड़ान के ब्योरों तथा गंतव्य स्थल की संक्षिप्त जानकारी देते हैं। बोर्डिग के बाद ही वस्तुत: इनकी ड्यूटी शुरू होती है। बोर्डिग पास लौटाने के बाद एयर होस्टेस को यात्रियों की मदद करनी होती है तथा उन्हें सीटों पर बैठने में सहायता करनी पड़ती है। उन्हें सुरक्षा प्रक्रियाएं समझानी होती हैं तथा यात्रियों के साथ तालमेल बैठाने की कोशिश करनी होती है। ऐसा करते समय जरूरी है कि आप विनम्र हों।
कभी-कभी एयर होस्टेस को हठीले यात्रियों का सामना करना पड़ता है। यह उनके धैर्य की परीक्षा का समय होता है। ऐसे लोगों से बरताव करते समय झुंझलाहट होती है तथा व्यक्ति आपे से बाहर भी हो सकता है लेकिन उस समय यात्री की सुरक्षा प्रमुख कार्य है। यह कार्य थकान व झुंझलाहट भरा है। घरेलू उड़ान में एयर होस्टेस की सबसे अधिक लंबी शिफ्ट (पारी) पांच-छह घंटे की होती है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय उड़ान में एक ही बार में बारह से पंद्रह घंटे की शिफ्ट में कार्य करना पड़ता है। कभी-कभी विमान यात्रा से परेशानी उठानेवाले लोगों, चिड़चिड़े बच्चों और बीमार बुजुर्गो का भी ध्यान रखना होता है। विमान अपहरण तथा दुर्घटना जैसी आपात स्थितियों में आपको शांत रहने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़ते हैं। वस्तुत: यह कार्य नीरस होने के साथ-साथ जोखिम भरा होता है।
इस व्यवसाय में पारिश्रमिक अच्छा मिलता है। घरेलू एयरलाइन में एयर होस्टेस को आकर्षक वेतन दिए जाते हैं। यह वेतन संगठन की हैसियत पर निर्भर करता है। अधिकांश एयरलाइस संविदा आधार पर भर्ती करती हैं। अधिकतर संविदाओं की अवधि लगभग दो-तीन वर्ष होती है तथा संविदा जब तक समाप्त नहीं हो जाती तब तक उस एयरलाइन में कार्य करने के लिए व्यक्ति बाध्य होता है।
ग्राउंड ड्यूटी शाखा- एयरलाइन की रीढ़ की हड्डी उसका ग्राउंड स्टाफ होता है। इसके बिना विमान उड़ान भर नहीं सकता। ग्राउंड ड्यूटी शाखा में प्रशासनिक, एयर ट्रैफिक नियंत्रण, लॉजिस्टिक, फाइटर कंट्रोल, लेखा, शिक्षा और मौसम विज्ञान संबंधी अधिकारी आते हैं।
(क) प्रशासनिक अधिकारी - यह अधिकारी कार्मिक प्रबंधन, प्रशासन और रनवे, बिल्डिंग तथा संबंधित सेवाओं के लिए जिम्मेदार होता है।
(ख) एयर ट्रैफिक नियंत्रण अधिकारी - एयरलाइन के इस स्टाफ के बारे में कम जानकारी उपलब्ध होती है लेकिन विडंबना यह है कि उक्त शाखा एयरलाइन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण शाखाओं में से है। ये अधिकारी देशों तथा महाद्वीपों के बारे में सही मार्गदर्शन करते हैं। इनका कार्य ट्रैफिक पुलिस मैन के समान होता है। अंतर यही है कि ये अधिकारी आकाश में बादलों के बीच ट्रैफिक नियमों का पालन करवाते हैं। इनका कार्य सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ये भयानक विपदा को रोकने के लिए उपाय करते हैं और विमानों का सुरक्षित उतरना व उड़ान भरना सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा सैंकड़ों वायुयानों को अलग-अलग रास्तों पर तथा सही स्तर पर उड़ान भरने के लिए निर्देश देते हैं। यह स्टाफ पूरी यात्रा के दौरान विमान से संपर्क बनाए रखता है और क्षण मात्र के लिए भी पायलट से संपर्क नहीं टूटने देता। नियंत्रक का यह भी दायित्व है कि वह अपने क्षेत्र में तमाम राडार की मॉनिटरिंग करे तथा मौसम के बारे में विमान का मार्गदर्शन करे।
एटीसी के रूप में कार्य करने के लिए आपके पास गणित और भौतिकी की पृष्ठभूमि होनी चाहिए। इस कार्य में काफी गणना करनी पड़ती है, इसलिए गणित और भौतिकी में स्नातकोत्तर डिग्री को प्राथमिकता दी जाती है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एटीसी की नियमित परीक्षाएं लेता है। सिविल विमानन प्रशिक्षण महाविद्यालय में प्रशिक्षण के बाद शुरू-शुरू में एटीसी को एएआई में सुपरिंटेंडेंट की नौकरी मिलती है।
निश्चित रूप में इस पद पर अच्छा पैसा मिलता है। शुरुआत में कम से कम बीस हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलता है। बाद में यह राशी 45 हजार रुपये प्रति माह तक हो जाती है। विशेष भत्ते इस राशि में शामिल नहीं रहते हैं।
(ग) केबिन कर्मी दल - जैसा कि नाम से पता चल जाता है यह अनुभाग एयरलाइन में आतिथ्य प्रबंधन कार्य से जुड़ा है। इनका कार्य यह सुनिश्चत करना है कि यात्रियों को समय पर खाना-पान के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मिल रहे।
(घ) लॉजिस्टिक अधिकारी - ये प्रमुखत: विमान तथा अतिरिक्त ईंधन, सामग्री, संगठन की रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी अन्य वस्तुओं आदि की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होता है।
(ड़) लेखा अधिकारी - इसे व्यय, लागत तथा निधि संबंधी आवश्यकताओं की जांच और एयरलाइन की बजट संबंधी योजना बनाना और पूर्वानुमान करना होता है। गणित तथा लेखा बंदी की गहन समझ इस क्षेत्र में लाभप्रद होती है।
(च) शिक्षा शाखा अधिकारी - यह शाखा मानव संसाधन विकास से जुड़ी है। यह विभाग अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए जिम्मेदार होता है। इस विभाग में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी तैयार किए जाते हैं। साथ ही शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए यह विभाग कार्मिकों का मार्गदर्शन करता है। यह विभाग वायुसेना कर्मियों के बच्चों के लिए 'वायुसेना स्कूल' भी चलाता है। साथ ही विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण देता है।
(छ) मौसम विज्ञान शाखा - मौसम पूर्वानुमान विभाग पर समूची एयरलाइन निर्भर करती है। यह विभाग विद्यमान मौसम तथा वातावरण संबंधी स्थितियों के संबंध में वैज्ञानिक शोध से संबंधित कार्य भी करता है।
(कैरियर संबंधी और अधिक जानकारी के लिए देखिए ग्रंथ अकादमी, नई दिल्ली से प्रकाशित ए. गांगुली और एस. भूषण की पुस्तक "अपना कैरियर स्वयं चुनें")
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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