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बिहार के असंतुष्ट विधायकों ने दिल्ली में डेरा डालना शुरू किया

By Staff
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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंकने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के असंतुष्ट विधायकों ने दिल्ली में डेरा डालना प्रारंभ कर दिया है। एक दर्जन विधायक यहां पहुंच चुके हैं जबकि कुछ 27 मई को दिल्ली पहुंच रहे हैं। यह विधायक 28 मई से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।

नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंकने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के असंतुष्ट विधायकों ने दिल्ली में डेरा डालना प्रारंभ कर दिया है। एक दर्जन विधायक यहां पहुंच चुके हैं जबकि कुछ 27 मई को दिल्ली पहुंच रहे हैं। यह विधायक 28 मई से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।

उल्लेखनीय है कि भाजपा हाईकमान के निर्देश पर बिहार भाजपा के इन बागी विधायकों ने कर्नाटक चुनाव तक 'सीज फायर' कर रखा था।

बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने आईएएनएस को बताया कि एक दर्जन विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं जबकि शेष मंगलवार तक पहुंच जाएंगे।

असंतुष्ट गुट के एक विधायक ने आईएएनस को बताया, "हमने पार्टी हित में केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश का सम्मान किया है और कर्नाटक चुनाव तक हम चुप रहे। कर्नाटक के परिणाम आ गए हैं। अब केंद्रीय नेतृत्व की बारी है।"

नाम न छापने की शर्त पर उक्त नेता ने बताया कि इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। केंद्रीय नेतृत्व मोदी को हटाए या फिर हमें पार्टी से निकाले। नेता ने दावा किया कि यदि मोदी को बिहार से हटा दिया जाता है तो भाजपा वहां अकेले दम सरकार बना सकती है।

बागियों ने यह रणनीति भी बनाई है दिल्ली में एक और दो जून को हो रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी वे इस मुद्दे को जोरशोर से उठाएंगे।

बागियों का कहना है कि मोदी के नेतृत्व में बिहार में भाजपा समाप्त हो रही है। मोदी मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के हाथों में खेल रहे हैं और नीतिश भाजपा को खत्म करने में लगे हुए हैं।

ज्ञात हो मोदी के खिलाफ पहले चक्र में जब इन बागियों ने मोर्चा खोला था तो पार्टी हाईकमान की नींद उड़ गई थी। बागियों ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह व लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी से मिलकर मोदी को हटाने की मांग की थी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी लेकिन कर्नाटक चुनावों के मद्देनजर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया जा सका था। अलबत्ता बागियों से कर्नाटक चुनाव तक 'सीज फायर' करने को जरूर कहा गया।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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