मेरे लिए एकदम अलग थीं बेनजीर : आडवाणी
नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय बेनजीर भुट्टो के साथ एक अलग ही रिश्ते में बंधे थे। रिश्ता जो उन दोनों को एक साथ बांधता था वह था जन्मभूमि का रिश्ता। दोनों नेताओं का जन्म सिंध प्रांत में हुआ था।
आडवाणी ने कल शाम यहां 'इंडिया इंटरनेशनल सेंटर' में बेनजीर की राजनैतिक जीवनी 'गुडबाय शहजादी: ए पॉलिटिकल बायोग्राफी ऑफ बेनजीर भुट्टो' के लोकार्पण समारोह में उनसे जुड़ी यादें बांटीं।
आडवाणी ने कहा, "वह पहली बार मुझसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के अंतिम संस्कार में मिली थीं, उनके साथ नवाज शरीफ भी थे। उस समय उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या मैं आपसे सिंधी में बात कर सकती हूं। उन्होंने मुझसे सिंधी और अंग्रेजी में बातचीत की और उसके बाद पत्रों और किताबों के माध्यम से हमारा संपर्क बरकरार रहा।"
आडवाणी ने कहा, "मेरे उनके साथ बहुत अनौपचारिक संबंध थे। वह अपनी सार्वजनिक छवि से एकदम अलग थीं। वह बेहद मजाकिया स्वभाव की थीं लेकिन वह हमेशा पाकिस्तान में लोकतंत्र की खराब स्थिति को लेकर चिंतित रहती थीं।"
आडवाणी ने बताया कि बेनजीर से उनकी आखिरी बातचीत अक्टूबर 2007 में हुई थी जब उनके काफिले पर हुए एक हमले में वह बालबाल बची थीं। आडवाणी ने कहा कि उनके पति आसिफ अली जरदारी से उनकी पहली मुलाकात बेनजीर की हत्या के बाद हुई थी।
बेनजीर की गत 27 दिसंबर को रावलपिंडी में एक चुनाव अभियान के दौरान हत्या कर दी गई थी।
बेनजीर की यह जीवनी लंदन के वरिष्ठ पत्रकार श्याम भाटिया ने लिखी है जो बेनजीर के आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ने के दिनों से ही उनके नजदीकी मित्र हुआ करते थे। जीवनी लगभग बीस सालों की अवधि में भाटिया द्वारा रिकार्ड किए गए 100 घंटों के साक्षात्कार पर आधारित है।
किताब का प्रकाशन रोली बुक्स प्रकाशन ने किया है। 196 पृष्ठों वाली इस किताब की कीमत है 295 रुपये।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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