पाब्लो नेरूदा के देश में किताबों के प्रति आकर्षण में कमी
सेंटियागो (चिली), 11 मई (आईएएनएस)। पाब्लो नेरूदा और गैब्रिएला मिस्राल जैसे महान साहित्यकारों के देश चिली के युवाओं में किताबों को लेकर कोई विशेष आकर्षण नहीं बचा है।
सेंटियागो (चिली), 11 मई (आईएएनएस)। पाब्लो नेरूदा और गैब्रिएला मिस्राल जैसे महान साहित्यकारों के देश चिली के युवाओं में किताबों को लेकर कोई विशेष आकर्षण नहीं बचा है।
युवाओं में पढ़ने लिखने की घटती आदतों से चिंतित सरकार ने लगभग 4 लाख गरीब परिवारों को किताबें बांटने की एक योजना बनाई है। स्थानीय नागरिकों में इस योजना को लेकर कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है उनका कहना है कि सरकार को शैक्षणिक सुविधाएं बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।
एक टीकाकार डोरोटी हेके कहती हैं, "अगर आप गरीब लोगों को किताबें बांटेंगे तो वे उन्हें बेच देंगे और उन पैसों से खाने-पीने की चीजें खरीद लेंगे।"
गौरतलब है कि सरकार का यह प्रस्ताव उस समय सामने आया है जब शिक्षाशास्त्री और शिक्षक देश की शिक्षण संस्थाओं के स्तर में लगातार सुधार की मांग कर रहे हैं।
हेके के अनुसार, "सरकारी स्कूलों की हालत एकदम खराब है। शिक्षकों को ढंग का वेतन नहीं मिल रहा है। वे पैसे कमाने के लिए अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग शिफ्ट में काम करते हैं। इससे होता यह है कि वे किसी भी बच्चे पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाते।"
गौरतलब है कि चिली के शहरी क्षेत्रों में साक्षरता दर तो 95.7 फीसदी है लेकिन देश के मात्र 31.4 फीसदी नागरिक ही उच्च शिक्षा के लिए प्रयास करते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।