उप्र में जले रोगियों के इलाज के लिये बनेंगे नोडल सेंटर
लखनऊ, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। देश में बर्न यूनिट की कमी एक बड़ी समस्या है। देश भर में हर साल सत्तर लाख लोग किसी न किसी कारण से जलते हैं, जिसमें करीब सात लाख लोग ही अस्पताल तक पहुंच पाते हैं। इसलिए अब इस दिक्कत से निपटने के लिये सूबे के प्रत्येक जिला अस्पताल को नोडल सेंटर बनाया जाएगा।
इसके तहत जिला अस्पतालों के जनरल सर्जन और पैरा मेडिकल स्टाफ को जले हुए रोगियों के इलाज और तीमारदारी का विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा।
इस बात की जानकारी सफदरजंग अस्पताल दिल्ली में एशिया के सबसे बड़ी बर्न यूनिट के संस्थापक डा जी़. एल. गुप्ता ने दी। इसी संदर्भ में लखनऊ के छत्रपति शाहू जी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मौजूद डा गुप्ता ने आईएएनएस को बताया नेशनल एकेडमी आफ बर्न इंडिया और भारत सरकार मिलकर यहां पायलट प्रोजेक्ट के रुप में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रही है। शुरुआती चरण में यह योजना देश के सात प्रदेशों में शुरू की जा रही है, जिसमें यूपी भी शामिल है।
उन्होंने बताया इस कार्यक्रम के लिए 1500 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गयी है। उनका मानना है चूंकि बर्न रोगी के इलाज के लिए हर जिले में अलग यूनिट स्थापित करना बहुत खर्चीला है। इसलिए जिला अस्पतालों में और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण देकर इस स्थित से निपटा जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि गुजरात, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के चिकित्सकों को पहले दिल्ली में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद यह लोग ही जिला अस्पताल के डाक्टरों को प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाएंगे। यही नहीं जिला अस्पतालों में मेजर बर्न इंजरी और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में माइनर बर्न इंजरी के इलाज की व्यवस्था की जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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