यूपी मदरसा बोर्ड परीक्षा शुरू, सख्ती की वजह से हजारों छात्र एग्जाम देने नहीं आए
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश अरबी फारसी मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो गई है। यह परीक्षाएं 28 अप्रैल तक चलेंगी और पहली बार मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं में भी सीसीटीवी कैमरे से नकल रोकने की कवायद शुरू की गई है। यूपी बोर्ड की तर्ज पर नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए बोर्ड ने कड़ाई शुरू की है, जिसका असर भी देखने को मिला और पहले ही दिन हजारों परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी है। अकेले इलाहाबाद में 4646 परीक्षार्थियों में से 1931 परीक्षार्थियों ने अपनी परीक्षा छोड़ दी। जबकि कौशांबी में 2992 परीक्षार्थियों में से 1211 परीक्षार्थी ने परीक्षा देने नहीं पहुंचे।

नकाब को लेकर असमंजस
मदरसा बोर्ड की मुंशी और मौलवी की परीक्षा देने आईं अधिकतर छात्राओं के नकाब से चेहरे को ढके होने पर परीक्षा केंद्र पर असमंजस की स्थिति बन गई। नकाब के चलते परिचय पत्र से परीक्षार्थी के चेहरे का मिलान नहीं हो पा रहा था। परीक्षा शुरू होने के बाद जब कक्ष निरीक्षकों ने नकाब हटाने को कहा तो छात्राएं भडक गई। लगभग हर परीक्षा केन्द्र पर इसी तरह का माहौल बना तो सचल दल ने सख्त लहजे में नकाब के बगैर परीक्षा देने का निर्देश दिया। जिसके बाद छात्राओं ने चेहरे से नकाब हटाया।
धर्मशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र की परीक्षा
मंगलवार को पहली पाली में मुंशी मौलवी धर्मशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र, सीरत नबवी की परीक्षा संपन्न हुई। जबकि दूसरी पाली में आलिम की धर्मशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र व हदीस उसूल ए हदीस, कामिल प्रथम व द्वितीय वर्ष की मुताला मजाहिव व मुताला फिकाह इस्लामी की परीक्षा होगी। फाजिल द्वितीय वर्ष के छात्रों की कलाम-ए-तसव्वुफ, मजहवी तकरीकात व अकायद, भारतीय फारसी अदम की परीक्षाएं होंगी। बता दे कि पहली पाली की परीक्षा सुबह 8 बजे से 11 बजे तक व दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर में 2 से 5 बजे के बीच संपन्न कराई जा रही है। इलाहाबाद में मदरसा बोर्ड के 25 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिन पर निगरानी के लिए चार सचल दल व नगर मजिस्ट्रेट एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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