Indian Railways:180 कि.मी. की स्पीड से दौड़ने वाली Vistadome tourist coach क्या है, जानिए सबकुछ
Vistadome tourist coach:भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने नई डिजाइन वाली विस्टाडोम टूरिस्ट कोच का सफल ट्रायल पूरा कर लिया है, जो 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में पूरी तरह कामयाब रही है। रेल मंत्री पीयूष गोयल (Railways Minister Piyush Goyal) का कहना है कि यह ट्रेन ना केवल यात्राओं को यादगार बना देगी, बल्कि इससे टूरिज्म को भी बहुत ज्यादा बढ़ावा मिलेगा। यह कोच चेन्नई स्थित रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (Integral Coach Factory) में तैयार की गई है। माना जा रहा है कि पर्यटन के नजरिए से महत्वपूर्ण रेल मार्गों पर यह कोच रेल से सफर करने की लोकप्रियता में और इजाफा करेगा।
भारत में बदल जाएगा पर्यटन का नजरिया
नई डिजाइन वाली विस्टाडोम टूरिस्ट कोच (Vistadome tourist coach) से रेल यात्रा शुरू होने के साथ ही भारत में रेल यात्रा खासकर, रेल टूरिज्म का पूरा नजरिया बदल जाने की उम्मीद है। इस अत्याधुनिक कोच में पहले के विस्टाडोम कोच के मुकाबले काफी बदलाव किए गए हैं और इसमें यात्रा को खूबसूरत के साथ-साथ आरामदायक बनाने का भी पूरा ख्याल रखा गया है। मसलन, इसके विंडो में बड़े ग्लास लगे हुए हैं, छतों में भी ट्रांसपरेंट ग्लास (glass roof) लगाए गए हैं, जिसे जरूरत के मुताबिक कंट्रोल किया जा सकता है। यात्री यात्रा के दौरान खूबसूरत नजारों का लुत्फ उठा सकें, इसके लिए ऑब्जर्वेशन लाउंज (observation lounge) बनाए गए हैं। सबसे बड़ी बात ये कि इनकी सीटें 180 डिग्री तक रोटेट (rotatable seats ) हो सकती हैं, ताकि सफर के दौरान यात्रियों की नजर से कोई भी दिलकश नजारा छूटने ना पाए और वह अपनी मर्जी के मुताबिक ट्रेन की गति की दिशा में सीटों को मोड़ सकें।
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बड़े और ऑटोमेटिक स्लाइडिंग डोर का इस्तेमाल
कुल मिलाकर नए विस्टाडोम टूरिस्ट कोच (Vistadome tourist coach) को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यात्रियों को नजारे देखने के लिए ज्यादा से जगह मिल सके। इन कोच में वाई-फाई आधारित पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम ( Wi-Fi based Passenger information system) भी लगाए गए हैं। इनके अलावा इन कोच में ऑटोमेटिक और बड़े स्लाइडिंग डोर लगाए गए हैं, ताकि दिव्यांगों (persons with disabilities) को भी किसी तरह की असुविधा ना हो। यही नहीं इसमें एक छोटी पैंट्री भी बनाई गई है।
180 किमी रफ्तार का ट्रायल पूरा
विस्टाडोम टूरिस्ट कोच सिर्फ टूरिस्ट लोकेशन पर ही उपलब्ध करवाए जाएंगे, जहां पर्यटक दर्शनीय (sightseeing)स्थलों का आनंद लेना चाहते हैं। जून में रेल मंत्रालय ने जो जानकारी दी थी कि एक विस्टाडोम के निर्माण पर करीब 4 करोड़ रुपये का खर्च आता है। इसमें सुरक्षा के मद्देनजर जो भी ग्लास लगाए गए हैं वह टूट-फूट प्रतिरोधी (shatter-resistant) हैं। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर लिखा है- 'एक अच्छे मोड़ पर साल का अंत: भारतीय रेलवे ने नई डिजाइन वाली विस्टाडोम कोच की 180 किलो मीटर प्रति घंटे की ट्रायल को सफलतापूर्वक पूरा किया है। ये कोच यात्रियों के लिए ट्रेन के सफर को और यादगार बनाएंगे और साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा देंगे '
इन रूटों पर हो रहा है ऐसे कोच का संचालन
इस समय भारतीय रेलवे 13 विस्टाडोम कोच का संचालन कर रहा है। ये कोच कुछ चुने हुए रेल मार्गं पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जिनमें- दादर (Dadar)और मडगांव (Madgaon), अरकू घाटी (Araku Valley), कश्मीर घाटी(Kashmir Valley), दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (Darjeeling Himalayan Railway), कालका-शिमला रेलवे (Kalka Shimla Railway), कांगड़ा वैली रेलवे (Kangra Valley Railway), माथेरान हिल रेलवे (Matheran Hill Railway) और नीलगिरि माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway) शामिल हैं।
रेलवे दे रहा है रोमांचक यात्रा का ऑफर
साउथ-वेस्टर्न रेलवे ने अपने स्पेशल हिम दर्शन एक्सप्रेस (Him Darshan express) की जानकारी साझा करते हुए हाल ही में कहा था कि कालका-शिमला रेलवे जो कि दुनिया के कुछ धरोहर रेलवे (heritage Railways )में से एक है और जिसे यूनेस्को (UNESCO) ने भी मान्यता दी हुई है, वह ग्लास रूफटॉप से नजारा दिखने वाले विस्टाडोम कोच से रोमांचक यात्रा का ऑफर दे रहा है। इस ट्रेन का नंबर 04517/04518 है, जिसमें विस्टाडोम कोच लगाए गए हैं।