Fact Check: कोरोना से संबंधित पोस्ट दंडनीय अपराध घोषित? जानें वायरल न्यूज की सच्चाई
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि सोशल मीडिया हो या फिर व्हाट्सएप पर कोरोना से संबंधित मैसेज को शेयर करना दंडनीय अपराध घोषित किया है।
PIB Fact check News: चीन के साथ-साथ अमेरिका और जापान जैसों देशों में कोरोना के नए वैरिएंट से मचे कहर के बाद भारत भी कोविड को लेकर सतर्क हो गया है। अस्पताल से लेकर वैक्सीन तक के लिए अलर्ट मोड पर विभाग आ चुका है। साथ ही लोगों को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि सोशल मीडिया हो या फिर व्हाट्सएप पर कोरोना से संबंधित मैसेज को शेयर करना दंडनीय अपराध घोषित किया है। ऐसे में जानिए क्या है वायरल पोस्ट की सच्चाई...
वायरल हो रहा यह दावा करने वाला पोस्ट
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा करते हुए बताया गया है कि ग्रुप के सभी सम्मानीय सदस्यों को सूचित किया जाता है कि अभी केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरल से संबंधित कोई भी पोस्ट को दंडनीय अपराध घोषित कर दिया गया है। कोरोना पर सिर्फ सरकार एजेंसी ही पोस्ट कर सकती है। गलत पोस्ट या मैसेज करने पर ग्रुप एडमिन सहित पूरे ग्रुप सदस्यों पर IT Act के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही की जाएगी, इसलिए ध्यान रखें सतर्क रहे सुरक्षित रहे। इसी के साथ इस पोस्टर के नीचे मुख्य सचिव गृह मंत्रालय भारत सरकार का नाम भी लिखा गया है।
ऐसे में इस वायरल पोस्ट की सच्चाई PIB Fact Check ने ट्वीट करते बताई। अपने ट्वीट में पीआईबी ने लिखा कि क्या केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस से सम्बंधित पोस्ट करने को दण्डनीय अपराध घोषित कर दिया गया है? नहीं, लेकिन COVID19 जैसी गंभीर बीमारी पर सही और विश्वसनीय जानकारी साझा करना अत्यंत आवश्यक है। जिम्मेदार नागरिक बनें और केवल सही जानकारी शेयर करें।
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Fact Check
दावा
कोरोना वायरस से संबंधित पोस्ट को दंडनीय अपराध घोषित किया है।
नतीजा
ये दावा पूरी तरह से फर्जी है।
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