Fact Check: क्या बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन का बच्चों पर नहीं होगा ट्रायल? सरकार ने खुद बताई सच्चाई
नई दिल्ली, 30 जुलाई: पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। मौजूदा वक्त में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लोगों की दी जा रही है। हाल ही में हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई ने भी 'कॉर्बेवैक्स' नाम की वैक्सीन तैयार की, जिसका ट्रायल जारी है। इस बीच मीडिया में वैक्सीन के बच्चों पर ट्रायल को लेकर कुछ खबरें सामने आईं। जिसको भारत सरकार के प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो ने गलत बताया है।
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दरअसल एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल नहीं होगा, क्योंकि सरकार ने उसकी इजाजत देने से इनकार किया है। इस पर कई मीडिया हाउस ने खबर पब्लिश कर दी। पीआईबी के मुताबिक इस खबर में कई तथ्यात्मक कमियां हैं। 'कॉर्बेवैक्स' को मंजूरी देने से इनकार नहीं किया गया है, बल्कि उसके परीक्षण पर विस्तार से विचार करने के लिए ज्यादा डेटा मांगा गया है। इसके अध्ययन के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।
A news report has published #Misleading headline & claimed that Biological E has been denied permission for its #COVID19 vaccine trials in children#PIBFactCheck: More data on safety & immunogenicity is asked for consideration of a further extension of their trials in children. pic.twitter.com/7oI5uSo9RI
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 30, 2021
कब
तक
आने
की
उम्मीद?
बायोलॉजिकल
ई
के
मुताबिक
उनकी
वैक्सीन
का
ट्रायल
तीसरे
चरण
में
पहुंच
गया
है।
अभी
तक
वैक्सीन
के
अच्छे
नतीजे
मिले
हैं।
इसकी
विस्तृत
रिपोर्ट
आने
के
बाद
21
अगस्त
तक
कंपनी
आपातकालीन
उपयोग
प्राधिकरण
के
लिए
आवेदन
कर
सकती
है।
अगर
DCGI
से
मंजूरी
मिल
गई,
तो
कंपनी
कम
से
कम
300
मिलियन
खुराक
की
आपूर्ति
करेगी।
Fact Check
दावा
बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन का बच्चों पर नहीं होगा ट्रायल
नतीजा
खबर गलत है, सरकार ने मंजूरी से पहले और ज्यादा डेटा मांगा है