Fact Check : क्या यूपी पुलिस ने कानपुर में हुई हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया?
कानपुर, 13 जून: पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर कानपुर में हुई हिंसा के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अब एक पुलिस अधिकारी का फोन पर बात करते हुए एक वीडियो वायरल हो गया है और दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस हाल ही में कानपुर में हुई हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है। वीडियो में पुलिस अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कुछ भाजपा नेता विधायकों के साथ बम लेकर आए हैं।
वीडियो के साथ किया गया ये दावा
इस वीडियो के साथ लिखा गया, "कानपुर में, पुलिस खुद कह रही है कि एक भाजपा विधायक बम लाया है। वह अपने एक वरिष्ठ अधिकारी को यह बता रहा है। लेकिन फिर भी, किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, केवल निर्दोष मुसलमानों को गिरफ्तार किया जा रहा है।"
पड़ताल में झूठ निकला दावा
इस वीडियो की पड़ताल की गई। रिवर्स इमेज सर्च ने हमें NDTV के एक लेख तक पहुंचाया, जिसमें कहा गया था कि यह कानपुर में हाल की हिंसा से संबंधित नहीं है। यह 10 जुलाई 2021 की घटना का है। रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी पंचायत चुनाव के दौरान इटावा सिटी एसपी का एक वीडियो वायरल हुआ था। उन्हें अपने वरिष्ठों से फोन पर शिकायत करते हुए सुना गया था कि भाजपा नेताओं ने उन्हें थप्पड़ मारा था और वे बम लेकर इकट्ठा हुए थे।
जुलाई 2021 में पंचायत चुनाव के दौरान का था वीडियो
वीडियो को यूट्यूब चैनल मोजो स्टोरी पर भी अपलोड किया गया है। वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, 'उत्तर प्रदेश के ब्लॉक प्रमुख चुनाव की मतगणना के दौरान इटावा जिले के एसपी सिटी को कथित तौर पर थप्पड़ मारा गया। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि भाजपा विधायक और जिलाध्यक्ष भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे।" रिपोर्ट में कहा गया है कि एसपी प्रशांत कुमार को थप्पड़ मारने के आरोप में बीजेपी के दो नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। यहां यह स्पष्ट है कि यह कानपुर में हाल ही में हुई हिंसा का वीडियो नहीं है। यह जुलाई 2021 में पंचायत चुनाव के दौरान की घटना थी।
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Fact Check
दावा
यूपी पुलिस ने हाल ही में कानपुर में हुई हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है।
नतीजा
यह 2021 का एक पुराना वीडियो है, जिसे पंचायत चुनाव के दौरान रिकॉर्ड किया गया था।