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Rahukaal: शुभ कार्य करने से पहले राहुकाल जरूर देखें, जानिए क्यों?
Rahukaal: सनातन धर्म में मुहूर्त का बड़ा महत्व होता है। इसलिए शुभ कार्य करने से पहले मुहूर्त अवश्य देखा जाता है। अनेक अशुभ मुहूर्त होते हैं जिनमें किसी भी शुभ कार्य का प्रारंभ नहीं किया जाता है। ऐसे ही तीन सर्वाधिक अशुभ मुहूर्त होते हैं राहुकाल, गुलिक काल और यमगंड काल। इन तीनों कालों को उत्तर भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में अधिक महत्व दिया जाता है। शुभ कार्यो के लिए इनके समय का त्याग कर दिया जाता है।

ये तीनों काल हर दिन अलग-अलग समय पर आते हैं। पंचांग में इनके संबंध में जानकारी मिल जाती है। सुगमता के लिए यहां हर दिन के अलग-अलग काल की जानकारी प्रस्तुत की जा रही है।
राहुकाल
- रविवार- सायं 4.30 से 6 बजे तक
- सोमवार- प्रात: 7.30 से 9 बजे तक
- मंगलवार- दोप. 3 से 4.30 बजे तक
- बुधवार- दोपहर 12 से 1.30 बजे तक
- गुरुवार- दोपहर 1.30 से 3 बजे तक
- शुक्रवार- प्रात: 10.30 से 12 बजे तक
- शनिवार- प्रात: 9 से 10.30 बजे तक
गुलिक काल
- रविवार- दोपहर 3.40 बजे तक
- सोमवार- दोपहर 1.30 से 3 बजे तक
- मंगलवार- दोपहर 12 से 1.30 बजे तक
- बुधवार- प्रात: 10.30 से 12 बजे तक
- गुरुवार- प्रात: 9 से 10.30 बजे तक
- शुक्रवार- प्रात: 7.30 से 9 बजे तक
- शनिवार- प्रात: 6 से 7.30 बजे तक
यमगंड या यमघंटकाल
- रविवार- दोपहर 12 से 1.30 बजे तक
- सोमवार- प्रात: 10.30 से 12 बजे तक
- मंगलवार- प्रात: 9 से 10.30 बजे तक
- बुधवार- प्रात: 7.30 से 9 बजे तक
- गुरुवार- प्रात: 6 से 7.30 बजे तक
- शुक्रवार- दोपहर 3 से 4.30 बजे तक
- शनिवार- दोपहर 1.30 से 3 बजे तक
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English summary
Rahukaal, Gulik Kaal, Yamgand Kaal are inauspicious Muhurat. here is details.
Story first published: Tuesday, October 18, 2022, 7:00 [IST]
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