Nag Panchami 2021: इस बार चित्रा नक्षत्र और त्रिवेणी संयोग में मनेगी नाग पंचमी
नई दिल्ली, 04 अगस्त। भगवान शिव के प्रिय श्रावण मास के प्रमुख त्योहारों में से एक नाग पूजन का पर्व नाग पंचमी 13 अगस्त 2021 शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन कार्य में सफलता देने वाले रवि योग के साथ मंगलकारी हस्त व चित्रा नक्षत्र का त्रिवेणी संयोग बनेगा। इस शुभ संयोग में काल सर्प दोष से मुक्ति के साथ सुख-समृद्घि की कामना से नाग देवता का दूध से अभिषेक और पूजन करना शुभकारी रहेगा।
उज्जैनी पंचांग के अनुसार श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि 12 अगस्त गुरुवार को दोपहर 3.25 बजे से प्रारंभ होगी जो अगले दिन 13 अगस्त शुक्रवार को दोपहर 1.42 बजे तक रहेगी। उदया तिथि में पंचमी 13 अगस्त को रहने के कारण इसी दिन नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन समस्त कार्यो में सिद्घि देने वाला रवि योग प्रात: 6.58 से प्रारंभ होकर अगले दिन 14 अगस्त को प्रात: 6.57 बजे तक रहेगा। इसके अतिरिक्त 12 अगस्त गुरुवार को हस्त नक्षत्र प्रात: 10.10 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 13 अगस्त को नाग पंचमी के दिन प्रात: 9.07 तक रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रारम्भ हो जाएगा, जो अगले 14 अगस्त को प्रात: 7.57 बजे तक रहेगा।
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काल सर्प दोष से मिलती है मुक्ति, स्वर्ण, रजत, काष्ठ के नाग बनाकर होता है पूजन
नाग पंचमी पर काल सर्प दोष से मुक्ति के साथ ही सुख-समृद्घि की कामना से नाग देवता का पूजन किया जाता है। इस दिन प्रतीकात्मक नाग देवता को दूध से स्नान व पूजा करने का विधान है। इस दिन व्रत के साथ एक बार भोजन करने का नियम है। नाग मंदिर, बाम्बी या घर पर नाग पूजन किया जाता है। स्वर्ण, रजत, काष्ठ का नाग बनाकर उसकी दूध, दही, दूर्वा, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप एवं विविध नैवेद्य से पूजा की जाती है।
इसलिए खास होता है रवियोग और हस्त-चित्रा नक्षत्र का संयोग
रवि योग को सूर्य का अभीष्ट प्राप्त होने कारण प्रभावशाली योग माना जाता है। सूर्य की ऊर्जा समाहित होने से अनिष्ट की आशंका समाप्त होकर कार्य में सफलता मिलती है। इस तरह 27 नक्षत्रों को शुभ, मध्यम और अशुभ की श्रेणी में बांटा गया है। इसमें 15 नक्षत्र शुभ की श्रेणी में आते हैं। इनमें हस्त व चित्रा नक्षत्र शामिल है।