Dream Interpretation: प्रात:काल में देखा गया स्वप्न तीन दिन में देता है शुभ-अशुभ फल
नई दिल्ली, 06 जुलाई। सपने सभी लोग देखते हैं। कई लोगों के सपनों का शुभ-अशुभ फल तुरंत मिल जाता है, तो कई लोगों को कई दिनों और वर्षो बाद मिलता है। दरअसल किसी सपने का फल कब और कितने दिन में मिलेगा, मिलेगा भी या नहीं? यह सारी बातें सपना देखने के समय पर निर्भर करती है।
स्वप्न शकुन शास्त्र गं्रथ के अनुसार रात्रि के प्रथम प्रहर में देखे गए स्वप्न का शुभ या अशुभ फल एक वर्ष में मिलता है। द्वितीय प्रहर का छह माह में, तृतीय प्रहर का तीन मास में, चौथे प्रहर का स्वप्न एक माह में और प्रात:काल के स्वप्न का फल तीन दिनों में शुभ या अशुभ मिलता है।
स्वप्न और उनका फल
स्वप्न में भगवान के दर्शन हो तो प्रतिष्ठा, कार्य में सिद्धि। सांप मारना देखें तो कष्ट से बचना। विकराल देवता देखें तो यह विपत्ती सूचक है। मंदिर में जाना अर्थात् रोग पाना। अप्सरा दर्शन हो तो सुंदर स्त्री का भोग करें। पिशाच देखें तो कष्ट और दुर्निन का सूचक है। भूत देखें तो धोखे में फंसना। साधु और ऋषि दर्शन हो तो कार्य सिद्ध होवे। नए दांत निकलने का अर्थ है सुंदर पुत्र की प्राप्ति। दांत गिरते देखें तो अशुभ समाचार मिलें। शरीर मोटा देखने का अर्थ है रोग आना। गुरु के दर्शन हो तो अपयश नाश हो।
स्वप्न का अर्थ
स्वप्न में बाल कटवाते देखें तो कर्ज मुक्ति हो। हिंसक पशु-पक्षी, जानवर देखना किसी आपत्ति के आने का सूचक है। स्वयं को भोजन करते देखना धन हानि का संकेत है। चिता जलती देखें तो धन लाभ का सूचक है। तांबा या पैसा देखें तो धन हानि, दरिद्रता। पूर्ण चंद्र देखने से बड़प्पन मिले। किला देखना- तरक्की पाना। मदिरा पीना- कष्ट पाना। बारात देखना- रोग आना। रोटी खाना- खुशखबरी मिलना।
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स्वप्न के बारे में बताना चाहिए या नहीं?
अक्सर लोग अपने देखे गए सपने को सुबह उठते ही परिवार वालों को बता देते हैं। शकुन शास्त्र का इस बारे में कहना है किसपनों के बारे में किसी को बता देने से उसका फल नहीं मिल पाता, लेकिन साथ ही कहा गया है किस्वप्न के बारे में बताने से पहले उसके शुभ अशुभ फल का विचार कर लेना चाहिए। यदि स्वप्न का शुभ फल मिलने वाला हो तो उसके बारे में नहीं बताना चाहिए लेकिन यदि अशुभ फल वाला हो तो उसके बारे में परिजनों को बता देना चाहिए ताकिउसका अशुभ फल न मिल पाए।