Makar Sankranti 2018: मकर संक्रांति पर सूर्य से जुड़ा एक उपाय दिलाएगा तरक्की और सम्मान
नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है। इसलिए यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य खराब है तो वह जीवनभर परेशानियों से घिरा रहता है। उसे न तो परिवार में मान-सम्मान मिलता है और न ही वह सामाजिक रूप से अपनी साख बना पाता है। सूर्य नौकरीपेशा लोगों को तरक्की की राह पर ले जाने वाला ग्रह भी है। यदि सूर्य खराब स्थिति में है तो व्यक्ति को कभी नौकरी में सफलता नहीं मिलती। उसे बार-बार जॉब बदलना पड़ता। सूर्य खराब होने पर व्यक्ति अभिमानी हो जाता है और वह किसी की नहीं सुनता। उसके दिल में किसी के भी प्रति दयाभाव नहीं रहता। वह क्रूर और निर्दयी हो जाता है और अंततः स्वयं अपने ही पतन का कारण बनता है।
Recommended Video
कुंडली में सूर्य खराब है तो...
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य खराब है तो उसे ठीक करने के उपाय करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। इसके लिए सूर्य के मंत्रों का जाप, प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करने जैसे उपाय तो किए ही जाते हैं, लेकिन सूर्य की अनुकूलता पाने के लिए जो सबसे सटीक और सही उपाय है, वह है तांबे के सूर्य यंत्र की स्थापना या तांबे का सूर्य लॉकेट के रूप में गले में पहनना। ऐसा नहीं है कि जिन लोगों का सूर्य खराब हो उन्हें ही तांबे के सूर्य का लॉकेट पहनना चाहिए। दरअसल सूर्य सभी व्यक्तियों को पद, प्रतिष्ठा, सम्मान और सुख प्रदान करने वाला ग्रह है इसलिए इसे सुखों की चाह रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को धारण करना चाहिए।
सूर्य यंत्र या सूर्य लॉकेट
सूर्य यंत्र या सूर्य लॉकेट धारण करने के लिए वर्ष में सबसे उत्तम दिन होता है मकर संक्रांति। क्योंकि इस दिन सूर्य अपनी सबसे शुभ राशि मकर में प्रवेश करते हुए उत्तरायण में गमन करते हैं। माघ माह में आने वाला यह दिन सूर्य की कृपा पाने का सबसे बेहतर दिन होता है। इसलिए इस दिन सूर्य यंत्र या सूर्य लॉकेट धारण करना चाहिए।
कैसे करें सूर्य यंत्र की स्थापना
सूर्य यंत्र की स्थापना करने के लिए इसे एक दिन पहले बाजार से खरीदकर ले आएं। मकर संक्रांति के दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करें। इसके बाद नए बिना सिले हुए सफेद वस्त्र धारण करें। सफेद धोती भी पूरे शरीर पर लपेटी जा सकती है। इसके बाद पूजा स्थान में लाल आसन पर पूर्वाभिमुख होकर बैठें। अपने पूजा स्थान में अन्य देवताओं को स्नान-पूजन करने के बाद सूर्ययंत्र को गंगाजल मिश्रित गाय के दूध से स्नान करवाएं।
पीला रेशमी वस्त्र बिछाकर उस पर यंत्र की स्थापना करें
इसके बाद पीला रेशमी वस्त्र बिछाकर उस पर यंत्र की स्थापना करें। यंत्र पर चंदन, केसर, सुपारी व लाल पुष्प अर्पित करें। इसके बाद ऊं घृणि सूर्याय नमः मंत्र की सात माला जाप करें। मंत्र संख्या पूर्ण होने के बाद यंत्र को पूजा स्थान में ही रखे रहने दें और प्रतिदिन इसे शुद्ध जल से स्नान करवाकर चंदन लगाएं। इससे सूर्य से संबंधित समस्त समस्याएं सात दिन में समाप्त होने लगती हैं। इसी प्रकार तांबे के सूर्य लॉकेट की भी पूजा की जाती है और फिर उसे लाल धागे में पिरोकर गले में पहना जाता है।
यह होते हैं लाभ
- जन्म कुंडली में सूर्य खराब होने के कारण आने वाली परेशानियां दूर होती हैं।
- नौकरी में प्रमोशन या वेतनवृद्धि नहीं हो रही है, तो सूर्य लॉकेट पहनने या सूर्य यंत्र की पूजा से तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
- नेत्र, हड्डी संबंधी रोग दूर होते हैं।
- परिवार या समाज में प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है तो यंत्र और लॉकेट से आपका खोया सम्मान और पद पुनः प्राप्त हो जाता है।
- सूर्य खराब होने पर पिता का साथ और सहयोग नहीं मिलता। सूर्य यंत्र की पूजा या लॉकेट धारण करने से पिता सदा सहायता करते हैं।
- सूर्य अनुकूल हो तो व्यक्ति को आर्थिक संकटों का सामना नहीं करना पड़ता।
Read Also:मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त और महत्व