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अगर बनना चाहते हैं धनवान तो घर ले आइए गणेश की ये प्रतिमा

By पं. गजेंद्र शर्मा
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नई दिल्ली। भगवान श्री गणेश की स्थापना 25 अगस्त को की जाएगी। गणेशजी का प्रत्येक रूप सुख, समृद्धि, सिद्धि, बुद्धि प्रदाता है, लेकिन शास्त्रों में भगवान गणेश के अनेक रूप बताए गए हैं और प्रत्येक रूप किसी विशेष कार्य की सिद्धि से सम्बद्ध है।

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धन संपदा की कामना से गणेश के अलग रूप की पूजा की जाती है। सुखों की प्राप्ति के लिए अलग, सौंदर्य के लिए अलग, आकर्षण प्रभाव में वृद्धि के लिए अलग रूप की पूजा की जाती है।

आइये हम जानते हैं भगवान श्री गणेश का कौन-सा रूप आपकी किस कार्य सिद्धि से जुड़ा हुआ है।

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सिर्फ 10 दिन स्थापना के लिए ही नहीं बल्कि आमतौर पर प्रत्येक हिंदू घर में भगवान गणेश की कोई न कोई प्रतिमा अवश्य होती है। वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार भी गणेश प्रतिमा घर में रखने के लिए कुछ नियम हैं, जिन्हें अपनाकर, सही जगह गणेश प्रतिमा रखकर सुख-समृद्धि में वृद्धि की जा सकती है।

सुख-समृद्धि और शांति

सुख-समृद्धि और शांति

  • जो लोग जीवन में सुख-समृद्धि और शांति चाहते हैं। जिनके घर में आए दिन कोई न कोई विवाद होता रहता है, उन्हें अपने घर में सफेद रंग की गणेश प्रतिमा या सफेद रंग के गणेश की तस्वीर लगाना चाहिए।
  • जिनके काम हमेशा अटकते रहते हैं, बाधाएं आती रहती हैं। जो लोग अपने जीवन के प्रत्येक कार्य में तरक्की चाहते हैं उन्हें घर में सिंदूरी रंग की गणेश प्रतिमा अवश्य रखना चाहिए और प्रतिदिन उसका पूजन करना चाहिए।
  • बैठे गणेश अपना पूजन करने वालों का भाग्योदय

    बैठे गणेश अपना पूजन करने वालों का भाग्योदय

    • घर में कभी भी गणेश की ऐसी प्रतिमा नहीं लाना चाहिए जिसमें गणेशजी खड़े हुए हों। बैठे गणेश हर तरह से समृद्धि और सफलता प्रदान करते हैं। बैठे गणेश अपना पूजन करने वालों का भाग्योदय करने में सहायक होते हैं।
    • भगवान श्री गणेश की बैठी हुई प्रतिमा लाते समय भी एक बात का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। उनकी सूंड की दिशा देखना जरूरी है। जिस प्रतिमा में गणेशजी की सूंड उल्टे हाथ की ओर हो वह घर में रखकर पूजना शुभ होता है, लेकिन जिस प्रतिमा में गणेशजी सूंड उनके सीधे हाथ की ओर हो उनकी पूजा कठिन होती है इसलिए दाहिनी सूंड वाले गणेश घर में नहीं रखना चाहिए।
    • सकारात्मक ऊर्जा

      सकारात्मक ऊर्जा

      यदि आप गणेश प्रतिमा अपने कार्यस्थल यानी दुकान या ऑफिस में रखना चाहते हैं तो वहां खड़े गणेश की प्रतिमा रखें। इससे उसे क्षेत्र की सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है और उस जगह काम करने वालों में सामंजस्य बना रहता है और कार्य तेजी से होते हैं।

      प्रिय वाहन मूषक

      प्रिय वाहन मूषक

      • गणेश प्रतिमा स्थापित करते समय यह देख लें कि उनके साथ उनका प्रिय वाहन मूषक अवश्य हो। साथ ही गणेशजी के हाथ में मोदक या लड्डू होना चाहिए। बिना मूषक और लड्डू वाली गणेश प्रतिमा अप्रभावी होती है।
      • पूजा स्थान में भगवान श्री गणेश की एक ही प्रतिमा होनी चाहिए। एक से अधिक प्रतिमा होने से उनकी पत्नियां रिद्धि और सिद्धि रूठ जाती हैं।
      • गणेशजी को प्रतिदिन दुर्वा अवश्य अर्पित करना चाहिए। दुर्वा चढ़ाते समय ऊं गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
      • वास्तुदोष समाप्त कर देते हैं

        वास्तुदोष समाप्त कर देते हैं

        • स्वास्तिक गणेशजी का अत्यंत प्रिय चिन्ह है। घर में किसी भी प्रकार का वास्तुदोष हो तो एक स्वस्तिक लगाना चाहिए।
        • यदि आप घर में स्थायी गणेश प्रतिमा रखना चाहते हैं तो उसे उत्तर-पूर्वी कोने यानी ईशान कोण में रखें। यदि ईशान कोण में जगह नहीं हो तो ऐसी जगह रखें जहां पूजा करते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर की ओर हो।
        • गणेश प्रतिमा कभी दक्षिणी दिशा में न रखें। ना ही ऐसी जगह रखें जहां टॉयलेट की दीवार हो। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह घर में होता है।
        • सीढि़यों के नीचे गणेश प्रतिमा बिलकुल न रखें।
        • यदि घर में कहीं भी गणेश प्रतिमा रखने के लिए ठीक जगह नहीं मिल पा रही हो तो प्रतिमा को बेडरूम में रखा जा सकता है, लेकिन ध्यान रहें सोते समय गणेशजी की ओर आपके पैर नहीं होना चाहिए।
        • आम, पीपल और नीम की लकड़ी से बनी गणेश प्रतिमा सर्वसिद्धि प्रदाता मानी गई है। ऐसी प्रतिमा घर के मुख्य दरवाजे पर रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और उस घर में रहने वाले लोगों की हर क्षेत्र में तरक्की होती है।
        • क्रिस्टल से बने गणेश प्रत्येक प्रकार के वास्तुदोष समाप्त कर देते हैं।

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English summary
Usually Ganesh Chaturthi is a 10-day long festival, but this year it will be celebrated for 11 days – starting 25 August.
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