Foot Fingers Reading: पैरों की बनावट से लगाएं भविष्य का अनुमान
नई दिल्ली। भारतीय वैदिक ज्योतिष की एक शाखा सामुद्रिक शास्त्र है, जिसमें शरीर के अंगों के लक्षणों, उनका आकार, उन पर मौजूद चिन्ह आदि के आधार पर किसी व्यक्ति के जीवन, उसके स्वभाव और व्यवहार के बारे में जानकारी हासिल की जाती है। सामुद्रिक शास्त्र में मनुष्य के पैरों और अंगुलियों के प्रकार को देखकर उसके स्वभाव, चरित्र आदि के बारे में बताया जा सकता है।
चलिए आइए आज इसी पर चर्चा करते हैं....
अपनी बात मनवाने वाले व्यक्ति
जिस व्यक्ति के पैरों की अंगुलियां अंगूठे की लंबाई से घटते क्रम में होती हैं वे लोग हमेशा खुद को दूसरों से बेहतर साबित करने की कोशिश में लगे रहते हैं। अक्सर ये अपनी योजनाओं में सफल भी हो जाते हैं। ये हर परिस्थिति में अपने अधिकारों से समझौता नहीं करते और ना ही अपनी सोच में किसी प्रकार बदलाव लाते हैं। एक बार जो सोच लिया, वो सोच लिया। इन्हें खुद पर यकीन होता है कि ये जो भी सोच रहे हैं अच्छा ही सोच रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति इनकी बात का विरोध करता है तो ये विवाद करने में भी पीछे नहीं हटते हैं। ऐसे लोग अपने जीवनसाथी को भी अपने अनुसार चलाना चाहते हैं और इस चक्कर में अक्सर परिवार में विवाद होते हैं।
परिश्रमी व्यक्तित्व
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस मनुष्य के पैर में अंगूठा और उसके पास की दो अंगुलियां समान लंबाई की होती है और अन्य अंगुलियों की लंबाई कम हो तो ऐसा व्यक्ति अत्यंत परिश्रमी किस्म का होता है। मेहनत करने में यह कभी पीछे नहीं हटता। ऐसे व्यक्ति अपने परिश्रम के बल पर कठिन से कठिन कार्यों को भी सफल बना लेते हैं। इस प्रकार की अंगुलियों वाले व्यक्ति दूसरों के कार्यों की प्रशंसा करने में कंजूसी नहीं करते। इसलिए ये अन्य लोगों के बीच में लोकप्रिय और प्रशंसनीय होते हैं। इस प्रकार का व्यक्ति पारिवारिक जिम्मेदारियों को ठीक से निभाता है।
शांत प्रवृत्ति के व्यक्ति
जिस व्यक्ति के पैर में अंगूठा लंबा हो और शेष अंगुलियां छोटी लेकिन लंबाई में एक सामान होती है तो ऐसा व्यक्ति बेहद गंभीर और शांत प्रकृति का होता है। इन्हें बेवजह की भागदौड़, तनाव पसंद नहीं होता। ये अपना प्रत्येक कार्य धैर्यपूर्वक करना पसंद करते हैं। बड़ी से बड़ी समस्या में भी ये लोग शांत चित्त से निर्णय लेते हैं। ये किसी पर अधिक गुस्सा भी नहीं करते हैं। यहां तक कि कोई इन्हें परेशान करें तो भी ये शांति से मामले को निपटाते हैं। इस प्रकार के कई व्यक्ति आलसी किस्म के भी होते हैं।
दूसरों से अलग कार्यशैली
जिस व्यक्ति के पैरों में अंगूठे के पास वाली अंगुली अधिक बड़ी होती है और अन्य अंगुलियां छोटी होती हैं, उन लोगों के काम करने का भिन्न् तरीका होता है। अर्थात ऐसे लोग लीक से हटकर चलने वाले होते हैं। ये किसी भी कार्य को करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार कर योजना बनाते हैं और फिर उसे शुरू करते हैं। ऐसे लोगों का कार्य करने का तरीका दूसरों से अलग होता है इसलिए ये समाज में, देश में अपनी अलग पहचान बना लेते हैं। इनका पारिवारिक जीवन सुखी होता है। अच्छे व्यापारी और कुशल प्रबंधक ऐसे किस्म के लोग देखे गए हैं।
वर्तमान में जीने वाले व्यक्ति
जिन लोगों के पैरों में अंगूठे के पास वाली अंगुली अंगूठे से ज्यादा लंबी, उसके बाद दूसरी अंगुली थोड़ी छोटी हो और शेष अंगुलियां छोटी लेकिन एक समान लंबाई की हो तो ऐसा व्यक्ति बहुत ही साहसी, ऊर्जावान और स्वतंत्र विचार वाला होता है। सामान्यत: ऐसा व्यक्ति किसी भी काम को पूरे दमखम के साथ पूरा करता है। इन्हें मौज मस्ती ज्यादा पसंद होती है। ये बहुत ही मजाकिया किस्म के होते हैं। ऐसे लोग दूसरों की खुशी में भी खुश होते हैं। ये भूत, भविष्य की चिंता छोड़कर केवल वर्तमान में जीना पसंद करते हैं।
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