बिजनेस करना चाहते हैं तो पहले कुंडली में देख लें योग
नई दिल्ली। पैसा कमाना जीवन का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को कम उम्र से ही पैसों का महत्व और उनके जीवन की दिशा तय करने के बारे में बताया जाता है। कुछ बच्चों का सपना नौकरी में बड़े पद तक पहुंचने का होता है तो कोई बिजनेसमैन बनना चाहता है।
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आज हम यहां बात कर रहे हैं व्यापार योग की। जन्मकुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति के अनुसार यह आसानी से पता किया जा सकता है कि बालक बड़ा होकर नौकरी करेगा या बिजनेस।
आइये आज हम जानते हैं कुंडली में वे कौन-कौन से योग हैं जो सफल बिजनेमैन बनने के लिए जरूरी होते हैं...
व्यापार योग देखने के लिए जन्मकुंडली में बुध की स्थिति, दशम भाव यानी कर्म स्थान और एकादश यानी आय स्थान का अध्ययन किया जाना चाहिए। दशम स्थान में जो ग्रह स्थित हो उसके गुण-स्वभाव के अनुसार व्यक्ति का व्यवसाय होता है।
आइये जानते हैं दशम भाव में ग्रहों के अनुसार क्या स्थिति बनती है...
दशम भाव में एक से अधिक ग्रह हों
- यदि दशम भाव में एक से अधिक ग्रह हों तो जो ग्रह सबसे बलवान होता है उसके अनुसार व्यक्ति का व्यापार होता है। जैसे दशम भाव में शुक्र हो तो व्यक्ति कॉस्मेटिक्स, सौंदर्य प्रसाधन, ज्वेलरी आदि का बिजनेस करता है।
- यदि दशम भाव में कोई ग्रह न हो तो दशमेश यानी दशम भाव के स्वामी के अनुसार बिजनेस तय होता है। यदि दशम भाव में मंगल हो तो व्यक्ति प्रॉपर्टी, निवेश आदि के कार्यों से लाभ अर्जित करता है।
- दशम भाव का स्वामी जिन ग्रहों के साथ होता है उनके अनुसार व्यक्ति व्यापार करता है।
- सूर्य के साथ जो ग्रह स्थित हो वह भी व्यवसाय पर असर दिखाता है। जैसे सूर्य के साथ गुरु हो तो व्यक्ति होटल व्यवसाय, अनाज आदि के कार्य से लाभ कमाता है।
- एकादश भाव आय स्थान है। इस भाव में मौजूद ग्रहों की स्थिति के अनुसार व्यापार तय किया जाता है।
- सप्तम भाव साझेदारी का होता है।
- इसमें मित्र ग्रह हों तो पार्टनरशिप से लाभ। शत्रु ग्रह हो तो पार्टनरशिप से नुकसान।
- मित्र ग्रह सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु होते हैं। शनि, मंगल, राहु, केतु ये आपस में मित्र होते हैं।
- यदि आप एक सफल व्यवसायी बनना चाहते हैं तो जन्मकुंडली में शुभ योग तो होना ही चाहिए। साथ ही कुछ उपाय करके भी आप अपने व्यापार-व्यवसाय में तरक्की पा सकते हैं।
- व्यापार का प्रतिनिधि ग्रह बुध होता है। बुध को मजबूत करना चाहिए। इसके लिए भगवान श्रीगणेशजी को प्रसन्न करें। प्रत्येक बुधवार गणेशजी को 108 दुर्वा और बेसन से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
- बुध यंत्र अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान में स्थापित करें और प्रतिदिन उसकी धूप-दीप करें।
- श्रीयंत्र की पूजा सर्वसुख संपन्नता प्रदान करती है।
- जन्मकुंडली दिखाकर यदि ठीक हो तो पन्ना धारण किया जा सकता है।
- मेहनत से कभी पीछे न हटें।
व्यवसाय पर असर
सप्तम भाव साझेदारी का
व्यापार में सफलता के लिए क्या करें
कुछ खास बातें