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Dev Uthani Ekadashi 2018: गुरु अस्त, जानिए क्या करें, क्या ना करें

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नई दिल्ली। सुख-सौभाग्य का प्रतिनिधि ग्रह बृहस्पति 13-14 नवंबर 2018 की मध्यरात्रि में 1 बजकर 50 मिनट पर अस्त हो रहा है। गुरु के अस्त होने से विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। यही कारण है कि 19 नवंबर को देवउठनी एकादशी होने के बावजूद विवाह नहीं हो सकेंगे। गुरु 8 दिसंबर को प्रातः 7 बजकर 20 मिनट पर उदय होंगे। इसके बाद ही विवाह कार्य प्रारंभ होंगे, लेकिन इसमें भी मलमास बाधा बनेंगे।

गुरु का वार्धक्य काल

गुरु का वार्धक्य काल

गुरु के अस्त होने के तीन दिन पूर्व गुरु का वार्धक्य काल रहता है और उदय होने के तीन दिन बाद तक बाल्य काल रहता है। अतः गुरु अस्त होने के तीन दिन पहले और उदय होने के तीन दिन बाद तक भी कोई मांगलिक कार्य, खासकर विवाह नहीं किया जाता है। वैवाहिक कार्यों के लिए गुरु-शुक्र का उदय होना चाहिए। तभी विवाह सफल होता है।

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मलमास 16 दिसंबर से

मलमास 16 दिसंबर से

मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी 16 दिसंबर 2018 को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही मलमास प्रारंभ हो जाएगा जो पौष शुक्ल अष्टमी 14 जनवरी 2019 तक चलेगा। अतः मलमास में भी विवाह नहीं किए जाते हैं। मलमास में देव प्रतिष्ठा, गृह प्रवेश, नवीन गृह निर्माण कार्य प्रारंभ, मुंडन, नए वाहन का क्रय आदि नहीं किया जाता है।

पहला शुद्ध मुहूर्त 17 जनवरी को

गुरु उदय होने और मलमास समाप्त होने के बाद विवाह का पहला शुद्ध मुहूर्त पौष शुक्ल एकादशी गुरुवार 17 जनवरी 2019 को होगा। मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी 12 दिसंबर और मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी 13 दिसंबर को भी विवाह के मुहूर्त हैं, लेकिन वे अशुद्ध मुहूर्त हैं

गुरु अस्त में क्या करें

गुरु अस्त में क्या करें

वैदिक ज्योतिष में गुरु को किसी भी जन्मकुंडली में सूर्य के बाद सबसे महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। गुरु की शुभ स्थिति व्यक्ति में आचरण, चरित्र और विचारों की शुद्धि देने के अलावा जीवन में सौभाग्य और सुख प्रदाता कही गई है। यह आजीविका के लिए भी प्रमुख ग्रह है। जन्मकुंडली में गुरु खराब हो तो व्यक्ति को आजीविका का संकट रहता है।

बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें

गुरु अस्त होने की स्थिति में उन लोगों के जीवन में कष्ट बढ़ जाता है जिनकी कुंडली में गुरु पहले से खराब हो। इसके लिए बृहस्पति के मंत्रों का जाप किया जाता है। बृहस्पति के निमित्त चने की दाल का दान करना चाहिए। गुरुवार के दिन गाय को केले खिलाएं। विवाह सुख भी गुरु ही प्रदान करते हैं इसलिए जिन लोगों के विवाह में बाधा आ रही हो वे गुरु को प्रसन्न करने के लिए हल्दी वाला दूध पीपल के पेड़ में अर्पित करें।

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English summary
No Wedding Muhurut in November because of Guru or Jupiter, Prabodhini Ekadashi also known as Devotthan Ekadashi, is the 11th lunar day in the bright fortnight of the Hindu month of Kartik.
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