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Chandra Grahan 2022 Katha : क्यों कहते हैं चंद्र ग्रहण को बुरा? क्या है इसके पीछे की कहानी?

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Lunar eclipse 2022 (चंद्र ग्रहण) Katha: आज साल 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण है, भारत में ये दिखाई देगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य है। आपको बता दें कि भारतीय समयानुसार आज का ग्रहण 5 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। ये ग्रहण एशियाई द्वीपों, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा। इंडिया में ये ग्रहण सबसे पहले अरूणाचल प्रदेश के ईटानगर में नजर आएगा। यहां पर पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा, जबकि देश के बाकी हिस्सों में ये आंशिक नजर आएगा। वैसे तो ये वैज्ञानिक इसे खगोलीय घटना कहते हैं, उनके मुताबिक जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण लगता है, इस स्थिति में तीनों एक सीध में होते हैं।

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Chandra Grahan 2022 Katha

लेकिन वैदिक धर्म में चंद्र ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता है, कुछ लोगों का मानना है कि ग्रहण के दौरान चंद्रमा का काला या लाल होना अशुभता का प्रतीक है इसलिए इस दौरान शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। तो वहीं पौराणिक कथाओं में चंद्र ग्रहण को लेकर रोचक कहानी सुनने को मिलती है।

Chandra Grahan 2022 Katha

एक कथा के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत का कलश निकला तो वो असुरों के पास पहुंच गया, जिसे पीने के बाद कोई भी अमर हो जाता। देवताओं को इस बात की बड़ी चिंता हुई, वो दौड़े -दौड़े भगवान विष्णु के पास मदद के लिए पहुंचे, तब विष्णु ने ब्रह्मांड को असुरों के प्रकोप से बचाने के लिए एक सुंदर नर्तकी का रूप धरा और असुरों को रिझाने की कोशिश की और बड़ी चालाकी से अमृत का कलश देवताओं तक पहुंचा दिया लेकिन तब तक राहु ने अमृतपान कर लिया था।

Chandra Grahan 2022 Katha

ये बात चंद्रमा को पता चली तो वो सीधे विष्णु के पास पहुंचे, भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से राहु की गर्दन काटी लेकिन अमृत की वजह से वो फिर से जीवित हो गया, तब भगवान विष्णु ने चक्र से राहु के दो हिस्से किए, ऊपर वाला हिस्सा राहु और नीचे वाला केतु कहलाया और वो दोनों धड़ आपस में ना जुड़ें इसलिए शरीर के दोनों हिस्सों को अलग-अलग दिशा में फेंक दिया।

Chandra Grahan 2022 Katha

माना जाता है कि ये सब चंद्रमा की वजह से हुआ था इसलिए राहु और केतु चंद्रमा को अपना दुश्मन मानते हैं और ये सब पूर्णिमा के दिन हुआ था, जिस दिन चंद्रमा अपने पूरे आकार में होता है। तब से ही कहा जाता है कि चंद्रग्रहण के दिन राहु-केतु, उससे बदला लेते हैं और उसे घेर लेते हैं और इसी वजह से चंद्र ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता है। मालूम हो कि इस बार ये ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। इसलिए ये ग्रहण मेष राशि वाले जातकों के लिए अच्छा नहीं हैं। आज का ग्रहण खंडास है, जिसका असर तीन महीने तक रहता है, इसलिए कहा जा रहा है कि इस ग्रहण की वजह से अगले तीन महीने मेष वालों के लिए परेशानी भरे हो सकते हैं।

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English summary
Today is Chandra Grahan. this is the last lunar eclipse of the year 2022.Why Lunar eclipse called bad in Vedic religion? Read Chandra Grahan katha or Story.
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