Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 17 फरवरी 2023, शुक्रवार
दिशाशूल पश्चिम दिशा में रहेगा इसलिए पश्चिम की ओर यात्रा करना टालें। आवश्यक हो तो मीठा दही खाकर घर से निकलें। मां लक्ष्मी के दर्शन करें।
Aaj Ka Panchang: आज फाल्गुन मास की द्वादशी तिथि और दिन शुक्रवार है। आर्थिक समस्याएं दूर करने के लिए आज के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करें। शाम के समय एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर एक कलश में चावल या शकर भरकर स्थापित करें। इस कलश पर एक लाल कपड़े में एक श्रीफल बांधकर रखें। मां लक्ष्मी का पूजन करें। पूजन में लाल कमल के पुष्पों का प्रयोग करें। यहां पेश है आज का पंचांग, जिसमें शुभ-अशुभ योग देखकर पूरे दिन की प्लानिंग कर लीजिए।
आज का पंचांग
- विक्रम संवत : 2079
- शालिवाहन शके : 1944
- मास : फाल्गुन कृष्ण पक्ष
- ऋतु : वसंत
- अयन : उत्तरायण
- तिथि : द्वादशी रात्रि 11.35 तक
- नक्षत्र : पूर्वाषाढ़ा रात्रि 8.27 तक
- योग : सिद्धि रात्रि 11.42 तक
- करण : कौलव दोपहर 1.15 तक
- सूर्योदय : 6.58.49
- सूर्यास्त : 6.22.49
- दिनकाल : 11 घंटे 23 मिनट 59 सेकंड
- रात्रिकाल : 12 घंटे 35 मिनट 19 सेकंड
- चंद्रास्त : दोप 3.07
- चंद्रोदय : दूसरे दिन प्रात: 5.20
आज की ग्रह स्थिति
- सूर्य राशि : कुंभ
- चंद्र राशि : धनु रात्रि 1.47 तक पश्चात मकर
- मंगल : वृषभ में
- बुध : मकर में
- गुरु : मीन में
- शुक्र : मीन में
- शनि : कुंभ में अस्त
- राहु : मेष में
- केतु : तुला में
शुभ समय दिन के
- चर : प्रात: 6.59 से 8.24
- लाभ : प्रात: 8.24 से 9.50
- अमृत : प्रात: 9.50 से 11.15
- शुभ : दोप 12.41 से 2.06
- अभिजित : दोप. 12.18 से 1.04
शुभ
समय
रात्रि
के
लाभ
:
रात्रि
9.32
से
11.06
त्याज्य समय
- राहु काल : प्रात: 11.15 से दोप 12.41
- यम घंट : दोप 3.32 से सायं 4.57
आज विशेष :
- विजया एकादशी वैष्णव
- आज का शुभ रंग : सफेद, बैंगनी
- आज के पूज्य देव : मां लक्ष्मी
- आज का मंत्र : ऊं श्रीं
दिशाशूल
दिशाशूल पश्चिम दिशा में रहेगा इसलिए पश्चिम की ओर यात्रा करना टालें। आवश्यक हो तो मीठा दही खाकर घर से निकलें। मां लक्ष्मी के दर्शन करें।
आज का विशेष उपाय
आर्थिक समस्याएं दूर करने के लिए आज के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करें। शाम के समय एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर एक कलश में चावल या शकर भरकर स्थापित करें। इस कलश पर एक लाल कपड़े में एक श्रीफल बांधकर रखें। मां लक्ष्मी का पूजन करें। पूजन में लाल कमल के पुष्पों का प्रयोग करें। मखाने की खीर का नैवेद्य लगाएं और श्रीसूक्त के 11 पाठ करें। इसके बाद आरती करें। कलश के समीप रातभर जलने वाला अखंड दीप प्रज्वलित करें। अगले दिन प्रात: स्नानादि करके कलश का उत्थापन करें। यह कलश श्रीफल दक्षिण सहित किसी ब्राह्मण को दान देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
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