2016 में क्या कह रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी के सितारे?
[पं. अनुज के शुक्ल] चुम्बकीय व्यक्तित्व, गजब का कामन सेन्स, कठोर श्रम व भारत को विकसित राष्ट्र बनाने को कृतसंकल्प रखने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध एवं शक्तिशाली बनाने के लिए प्रयासरत हैं। विरोध उसी का होता है, जो विकास करता है। जहां विकास नहीं होता है वहां विरोध नहीं होता। नव वर्ष का आगमन हो चुका है। आइये जानते हैं कि वर्ष 2016 में देश के प्रधानमंत्री के सितारे क्या कह रहे हैं।
मोदी का जन्म 17 सितम्बर सन् 1950 को सुबह 11 बजे गुजरात में हुआ था। आपकी वृश्चिक राशि है जिसका स्वामी मंगल काफी मजबूत अवस्था में है। वर्ष 2016 के अंको को जोड़ने पर अंक 09 आयेगा, जिसका स्वामी भी मंगल है। यह एक शुभ संकेत है।
चलिये पढ़ते हैं क्या कह रहे हैं पीएम के सितारे-
* साल की शुरुआत से 28 फरवरी 2016 तक चन्द्रमा में गुरू की दशा व राहु का अन्तर चलेगा। इस समय विदेशों से सम्बन्ध अच्छे बनेंगे किन्तु पार्टी की गतिविधयों और अपनों के षडयन्त्र के कारण मोदी काफी व्यथित रहेंगे।
* 6 जनवरी से राहु में शनि चलेगा जो 18 जनवरी तक रहेगा। यह कार्यकाल मोदी का तनाव भरा रह सकता है। अतः इस समय राहु आपके मन में उथल-पुथल मचाये रखेगा।
* विपक्ष का मत है कि मोदी विदेश यात्रायें बहुत करते है, लेकिन शायद वे लोग इस बात से अनजान है। बिना विदेशी निवेश के भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना मुश्किल है। मोदी की कुण्डली में यात्रा का कारक चन्द्रमा है, जो लग्न में बैठा है। इसलिए विदेश की यात्राओं से भारत में निवेश बढ़ेगा जो भारत के लिए लाभप्रद साबित होगा।
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* वैश्विक राजनीति का कारक शनि ग्रह है, जो मोदी की कुण्डली में तृतीयेश व चतुर्थेश होकर दशम भाव में अपने मित्र शुक्र के साथ बैठा है। शनि के बेहतरीन स्थिति व मोदी की कुशल रणनीति से भारत की वैश्विक राजनीति में साख बढ़ेगी। जिस कारण विकसित देश भारत के साथ व्यापारिक सम्बन्ध बनाने में अग्रणी भूमिका निभायेंगे।
* वर्तमान में मोदी की कुण्डली में चन्द्रमा की दशा में शनि का अन्तर और शनि का ही प्रत्यन्तर 28 फरवरी से शुरू होने वाला है। यह स्थिति अनुकूल नहीं है। शनि पराक्रमेश व चतुर्थेश है, चतुर्थ भाव विपक्ष का प्रतिनिधित्व करता है। अतः विपक्षी व विरोधी मोदी की छवि धूमिल करने का प्रयास करेंगे और मोदी की महत्पूर्ण नीतियों को पारित करने में बाधायें उत्पन्न करेंगे लेकिन अन्ततोगत्वा मोदी को सफलता मिलेगी।
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* शनि के ही कार्यकाल में मोदी अपने मन्त्रिमण्डल में फेरबदल करेंगे और कुछ महत्वपूर्ण विभाग अपने पास भी रख सकते है, जिसके दूरगामी परिणाम लाभकारी साबित होंगे। अपने चहेतो को बचाने के चक्कर में मोदी को काफी जदोजहद करनी पड़ सकती है।
* 29 मई से 19 अगस्त तक चन्द्र की महादशा में शनि का अन्तर और बुध का प्रत्यन्तर रहेगा। बुध अष्टमेश व लाभेश होकर लाभ भाव में सूर्य के साथ बैठा है। शनि व बुध आपस में मित्र है। इनकी जोड़ी मोदी के लिए लाभप्रद रहेगी। बुध निवेश, अर्थव्यस्था में वृद्धि करायेगा व मॅहगाई पर नियन्त्रण करेगा। विदेशों से व्यापक रूप में बिजनेस डीलें होंगी।
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* 19 अगस्त से 22 सितम्बर तक चन्द्र की महादशा में शनि का अन्तर और केतु का प्रत्यन्तर चलेगा। केतु आपकी पत्री में लाभ भाव में सूर्य, बुध के साथ स्थित है। केतु सूर्य के नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी में है। इस काल में आप विदेशों षड़यन्त्रों का शिकार हो सकते है। अतः सावधानी बरतें। आपके द्वारा बनाई गई नातियों का भारत की जनता गुणगान करेगी।
* 22 सितम्बर से 27 दिसम्बर तक चन्द्र की महादशा में शनि का अन्तर और शुक्र का प्रत्यन्तर चलेगा। शुक्र आपकी कुण्डली में सप्तमेश व द्वादशेश होकर दशम भाव में शनि के साथ बैठा है। यह परिवर्तन का समय है, इस समय आप कुछ ऐसे कार्य करेंगे जिससे देश-दुनिया चकित रह जायेगी। पड़ोसी देशों को सहयोग देने में आप काफी सक्रिय नजर आयेंगे। इसी समय भारत में कुछ ऐसी घटनायें होगी जिनमें त्वरित निर्णय लेने से आपके व्यक्तित्व का परीक्षण होगा।
* कुल मिलाकर वर्ष 2016 मोदी के लिए अनेक प्रकार की चुनौतियां लेकर आ रहा है किन्तु मोदी अपने अदम्य साहस के बल पर इन चुनौतियों को पार करके विश्व के प्रतिभावान नेता के रूप में उभरेंगे। इस वर्ष मोदी की कुशल नीति और कड़ी मेहनत से भारत बन सकता संयुक्त राष्ट्र संघ का स्थायी सदस्य। जितनी ही कठिन परिक्षायें होंगी उतना ही मोदी का बड़ा कद होगा। यही है मोदी के व्यक्तित्व का खास गुण।
सभी पाठकों को वनइंडिया की टीम की तरफ से नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें। आपका, आपके परिवार का और आपके शुभेच्छों का सभी का हो मंगल।