Dussehera 2017: रावण दहन से पहले ये बातें जानना आपको काफी जरूरी है
नई दिल्ली। दशहरा केवल एक त्योहार ही नहीं है बल्कि यह बुराई पर अच्छाई का सूचक है। हर कोई दानव रावण को एक बुराई के रूप में देखता है क्योंकि उसने धोखे से पराई नारी का अपहरण किया था।लेकिन दानव होते हुए ही रावण में बहुत सारी अच्छाईयां भी थी जिसके कारण आज देश के कोई कोने में रावण की पूजा होती है।
- काफी योग्य: रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ बहु-विद्याओं का जानकार था।
- मायावी: रावण को मायावी इसलिए कहा जाता था कि वह इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू जानता था।
- महापंडित रावण : रावण बहुत बड़ा पंडित था और इसी कारण भगवान राम ने उससे विजय यज्ञ करवाया था।
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शिवभक्त रावण
- भगवान शिव ने खुद कहा था कि रावण बहुत बड़ा शिवभक्त है, उसकी भक्ति पर भगवान राम को भी शक नहीं था।
- रावण बहुत बड़ा और अच्छा राजा था, उसकी सोने की लंका में उसके राज्यवाले बहुत ज्यादा खुश रहते थे।
- इसी कारण भगवान राम ने लक्ष्मण को भेजा था उसके पास राजनीति के टिप्स लेने को।
कई शास्त्रों का रचयिता रावण
रावण ने तांडव स्तोत्र, अंक प्रकाश, इंद्रजाल, कुमारतंत्र, प्राकृत कामधेनु, प्राकृत लंकेश्वर, ऋग्वेद भाष्य, रावणीयम, नाड़ी परीक्षा आदि पुस्तकों की रचना की थी इसके अलावा उसने अनेकों काव्य की भी रचना की थी।
भाई धर्म
बहन शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए रावण ने सीताहरण किया था। उसने कहा था कि वो भाई धर्म निभा रहा है।
कभी भी सीता को हाथ नहीं लगाया
रावण ने सीता का हरण किया था लेकिन उसने कभी भी अपने पौरूष का गलत फायदा नहीं उठाया, उन्होंने दो साल तक सीता को बंदी बनाये रखा लेकिन कभी भी सीता को हाथ नहीं लगाया।
रावण वैज्ञानिक भी
आयुर्वेद, तंत्र और ज्योतिष का ज्ञाता रावण वैज्ञानिक भी था। इंद्रजाल जैसी अथर्ववेदमूलक विद्या का रावण ने ही अनुसंधान किया।