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Betel Leaf Benefits : पान खाने से सेहतमंद बनेंगे आप, जानिए किन बीमारियों से मिलती है निजात

पान पत्तों की खेती (betel leaf plantation) से आर्थिक मुनाफे के अलावा इसके सेहत से जुड़े पहलू भी हैं। जानिए तंबाकू के बिना ताजे पान पत्ते खाने से क्या फायदे होते हैं।

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नई दिल्ली, 01 जून : भारत में पान खाना करोड़ों लोगों का शौक है। पान में इस्तेमाल होने वाले तंबाकू को हटा देने पर पान की पत्तियों के कई फायदे हैं। जर्नल ऑफ ह्यूमन इकोलॉजी में प्रकाशित पान पर प्रशांत गुहा की रिसर्च के मुताबिक भारत में 15 से 20 मिलियन लोग पान खाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारत में लगभग 9000 मिलियन रुपये की पान की ताजी पत्तियों का वार्षिक उत्पादन होता है। लगभग 55,000 हेक्टेयर में पारंपरिक तरीके से पान की खेती होती है।

गर्भवती महिलाओं को पान से फायदे

पान पत्तों को जीआई टैग (Betel Geographical Indication) मिलने के बाद इनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। पान की खेती किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी शानदार मुनाफा देने वाला विकल्प है। पान खाना सेहत से भी जुड़ा है। पूर्वोत्तर भारत में गर्भवती महिलाओं को आयरन की कमी दूर करने के लिए पान की पत्तियां खिलाई जाती हैं। इसमें पालक से भी अधिक मात्रा में आयरन पाया जाता है। वनइंडिया हिंदी की इस रिपोर्ट में पढ़िए पान की ताजी पत्तियों को खाने (Betel Eating benefits) के फायदे

पान के पत्ते तंबाकू के बिना खाएं

पान के पत्ते तंबाकू के बिना खाएं

तंबाकू के बिना पान खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। पान की पत्तियों को मेडिसिनल माना गया है, ऐसे में इन पत्तियों को चबाना और इससे मिलने वाले रस से हमारी सेहत पर अच्छा असर पड़ता है। कुछ ग्रंथों में पान की खेती और पान खिलाना सदियों पुरानी विरासत का हिस्सा माना गया है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक पान के पत्तों में टैनिन (tannins), प्रोपेन (propane), एल्कलॉइड (alkaloids) और फिनाइल (phenyl) पाया जाता है।

पान पत्ते पाचन में मददगार

पान पत्ते पाचन में मददगार

पान के पत्तों का स्वाद थोड़ा कसैला होता है। पान के पत्ते खाने से शरीर में दर्द और सूजन जैसी समस्या से निजात मिलती है। दर्द और सूजन कम करने के अलावा पान के पत्ते पाचन तंत्र के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। पान के ताजे पत्तों का सेवन कब्ज की समस्या दूर करता है। पेट के अल्सर के इलाज में भी पान के पान के पत्तों से मदद मिलती है।

पान पत्ते खाएं, दर्द से निजात पाएं

पान पत्ते खाएं, दर्द से निजात पाएं

शरीर के किसी हिस्से में लगी चोट से राहत पाने के लिए पान की ताजी पत्तियों का सेवन किया जा सकता है। कई अन्य शारीरिक परेशानियों को दूर करने में भी पान के पत्ते मददगार साबित होते हैं। तत्काल दर्द से राहत पाने में पान की ताजी पत्तियां कारगर साबित होती हैं। मेडिकल साइंस की भाषा में समझें तो पान का पत्ता एनाल्जेसिक (Analgesic) की तरह काम करता है। मतलब बाहरी चोटों के अलावा आंतरिक दर्द में भी पान की ताजी पत्तियों को खाने से राहत मिलती है।

दांतों और मसूड़ों के लिए फायदेमंद

दांतों और मसूड़ों के लिए फायदेमंद

पान के पत्तों में एंटीमाइक्रोबियल गुण (antimicrobial) होते हैं। मतलब पान के पत्तों को खाने से हमारे मुंह और मसूड़ों में बैक्टिरिया का प्रभाव नहीं पड़ता। दांत और मसूड़े स्वस्थ रखते हैं। पान के पत्ते संक्रमण और कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को भी खत्म करते हैं। इससे मसूड़ों और दांतों के दर्द, मुंह के संक्रमण और सूजन से राहत मिलती है।

पान सांस की परेशानी दूर करने में भी कारगर

पान सांस की परेशानी दूर करने में भी कारगर

खांसी और सर्दी के साथ-साथ पान का पत्ता सांस से जुड़ी बीमारियों को भी दूर करता है। ताजे पान के पत्तों का नियमित सेवन फेफड़ों के लिए फायदेमंद है। पान पत्ता अस्थमा से भी प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करता है। फेफड़ों में कुछ जमने (congestion) की परेशानी से निजात पाने के लिए एक पान के पत्ते पर सरसों का तेल लगाकर छाती पर लगाने से फायदा मिलता है।

पान की खेती बढ़ी, जीआई टैग से पत्तों को विशेष पहचान

पान की खेती बढ़ी, जीआई टैग से पत्तों को विशेष पहचान

बिहार के मगही पान, केरल के तिरुर पान और कर्नाटक के मैसूर बीटल लीफ को जीआई टैग दिया जा चुका है। इसके अलावा दी हिंदू डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर, 2021 में तमिलनाडु के मदुरै में उगाए जाने वाले पान पत्तों के लिए जीआई टैग की मांग की गई है। मदुरै और आसपास के इलाकों में उगाए जाने वाले शोलावंदन पान (Sholavandan Betel Vine (Vetrilai) के बारे में दावा किया गया है कि प्रसिद्ध तमिल साहित्यिक कृति 'मदुराइकांची' (Maduraikanchi) में दूसरी - चौथी शताब्दी (AD) में पान की खेती का उल्लेख मिलता है।

जीआई टैग की मांग
तमिलनाडु की दो और पान पत्तियों- कुंबकोणम वेट्रीलाई (Kumbakonam Vetrilai (Kumbakonam Betel Leaf) और औथूर बीटल लीफ (Authoor Betel Leaf (Authoor Vetrilai) के लिए भी ज्योगरॉफिकल इंडिकेशन की मांग की गई है। तमिलनाडु के तीनों पान को जीआई टैग का आवेदन लंबित है।

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English summary
horticulture betel leaf plantation benefits. Know about benefits of eating betel leaf without tobacco.
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