झारखंड में 44,500 सहायक शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच पूरी
सर्टिफकेट जांच के दौरान विभिन्न जिलों के 48 सहायक शिक्षकों (पारा टीचर) के प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। करीब 44,500 सहायक शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच में 48 लोगों की रिपोर्ट मिली है कि इनके सर्टिफिकेट वैध नहीं हैं।
रांची,6 दिसंबर: सर्टिफकेट जांच के दौरान विभिन्न जिलों के 48 सहायक शिक्षकों (पारा टीचर) के प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। करीब 44,500 सहायक शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच में 48 लोगों की रिपोर्ट मिली है कि इनके सर्टिफिकेट वैध नहीं हैं। यह संख्या और अभी बढ़ सकती है। विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से आई रिपोर्ट के बाद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) रिपोर्ट संग्रह कर रहा है, इसी क्रम में 48 सहायक शिक्षकों की पहचान हुई है। अधिकारियों ने इनका नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया है।
इनके अलावा 52 ऐसे भी सहायक शिक्षक हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि गलत प्रमाण पत्रों के आधार पर ये नौकरी कर रहे थे। जब जांच की गति तेज हुई, तो इन लोगों ने इस्तीफा दे दिया। जांच में इन सभी सहायक शिक्षकों को नौकरी हटाया जाएगा। साथ ही, शिक्षा विभाग इनके खिलाफ एफआईआर कराने पर विचार कर रहा है। अवैध प्रमाण पत्र के आधार पर पिछले 20 वर्षों से पारा शिक्षक की नौकरी करने वाले इन अध्यापकों ने अब तक जो मानदेय लिए हैं, उसकी वसूली की प्रक्रिया भी आगे बढ़ सकती है।
सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए सहायक शिक्षकों के सर्टिफिकेट जमा कराने की समय सीमा सोमवार शाम खत्म हो गई। सूचना है कि सैकड़ों शिक्षकों ने प्रमाण पत्र जमा नहीं कराया है। विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि ऐसे अध्यापकों की जिलावार सूची बनाई जा रही है। इस सप्ताह के अंत तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि कुल 62318 सहायक अध्यापकों में से कितनों ने प्रमाण पत्र जमा नहीं किया। सर्टिफिकेट नहीं देने वाले सहायक अध्यापकों से जेईपीसी दो बार स्पष्टीकरण पूछेगा। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर 31 दिसंबर से इन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाएगा।
अब इनकी जांच की तैयारी - 17 हजार शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का नहीं हो पाया सत्यापन
करीब 17 हजार शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन अब तक नहीं हो पाया है। सत्यापन के लिए इन लोगों ने अपने-अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र और आवश्यक शुल्क भी जेईपीसी को जमा करा दिया है। अगर सत्यापन के दौरान कोई खामी पकड़ में आती है, तो फिर उस पर विभागीय बैठक में निर्णय लिया जाएगा। पिछले दिनों सहायक अध्यापकों ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और शिक्षा अधिकारियों से मिलकर प्रमाण पत्रों के शीघ्र सत्यापन का आग्रह किया। वहीं सर्टिफिकेट नहीं देने वाले शिक्षक स्कूलों में काम नहीं कर पाएंगे। इनके मानदेय का भुगतान जनवरी 2023 के प्रभाव से नहीं किया जाएगा।