हरियाणा सरकार बना रही एशिया की सबसे बड़ी बागवानी मंडी, किसानों के फल फूल सब्जियों को मिलेगा बड़ा बाजार
सोनीपत, 8 जून। हरियाणा के गन्नौर में बन रही एशिया की सबसे बड़ी बागवानी मंडी में बाकी पड़े कार्यों को पूरा करने की दिशा में सरकार ने काम तेज कर दिया है। इस दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 18वीं बैठक में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कसंलटेंट लगाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल (आरएफपी) को मंजूरी दी गई। इसके बाद काम में तेजी आएगी। हरियाणा इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग कारपोरेशन की हाई पावर कमेटी ने तकनीकी छंटनी के बाद इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। बोर्ड ने उनके फाईनेंसियल बिड्स खोलने की अनुमति भी दे दी है। जीटी रोड के साथ 537 एकड़ में बनने वाली अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी तैयार होने से किसानों को फल और सब्जियां बेचने का बड़ा बाजार मिलेगा।
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग कारपोरेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में गन्नौर मंडी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए जो कदम उठाए गए हैं, अब इन्हें विभाग की वेबसाईट पर अपलोड किया जाएगा। इसका काम पूरा होने के बाद किसानों की कमाई का नया रास्ता खुलेगा और आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। मंडी के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए आयोजित बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा, कृषि एवं मार्केटिंग बोर्ड के मुख्य प्रशासक टीएल सत्यप्रकाश व निदेशक अर्जुन सिंह सैनी आदि शामिल हुए। जिसमें मुख्य सचिव ने कहा कि अब बागवानी मंडी के बाकी कार्यों में और तेजी आएगी।
इस मंडी के निर्माण पर करीब 8 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य सरकार का दावा है कि यह एशिया की सबसे बड़ी मंडी होगी। सरकार पिजौंर में सेब मंडी, जबकि गुरुग्राम में फूलों की मंडी भी बनाने जा रही हैं। फिलहाल, गन्नौर मंडी में करीब 1600 करोड़ रुपये की मदद तो नाबार्ड देने जा रहा है। इस मंडी की मंजूरी 2012 में मिली थी। जबकि इसका शिलान्यास 2014 में राहुल गांधी ने किया था। यहीं पर मसाला मंडी भी होगी।
बताया गया है कि इस मंडी में 17 बड़े शेड बनाए जाएंगे। आलू, प्याज, टमाटर, डेयरी प्रोडक्ट, फूल, फल व सब्जियों के लिए अलग-अलग शेड होंगे। एयर कंडीशंड फूल व फिश मार्केट बनाई जाएगी। अलग-अलग राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग भी तैयार हो रही है। मार्केट में एक लॉजिस्टिक हब भी होगा। जिसमें रेफ्रीजेरेटेड गाड़ियों की सुविधा मिलेगी। इसमें 14 राज्यों से फल और सब्जियां आएंगी, इसलिए इसे किसान रेल से भी जोड़ने की योजना है।