बिक्रम मजीठिया की जमानत याचिका रद्द, पंजाब CM बोले- इन्होंने नशा पिलाया, असलियत सबके सामने
चंडीगढ़, 25 जनवरी: शिरोमणि अकाली दल को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया की ड्रग्स मामले में अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। चरणजीत सिंह चन्नी ने दावा किया है कि शिरोमणि अकाली दल की असलियत अब लोगों के सामने आ गई है।
मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह चीमा ने कहा कि न्यायमूर्ति लिसा गिल की अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। चीमा ने कहा कि उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया था कि उच्चतम न्यायालय का रुख करने के लिए अंतरिम सुरक्षा सात दिनों के लिए बढ़ा दी जाए। अदालत ने 18 जनवरी को अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी थी।
मजीठिया (46) के खिलाफ पिछले साल 20 दिसंबर को स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था। मोहाली की एक अदालत ने 24 दिसंबर को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
चरणजीत सिंह चन्नी ने शिरोमणि अकाली दल पर पंजाब की हालत खराब करने के आरोप लगाए गए। उन्होंने कहा, ''इन्होंने नशा पिलाया है। पंजाब की खराब हालत के लिए ये लोग जिम्मेदार हैं। अब असलियत सबके सामने हैं। हमने इन पर पर्चा दाखिल किया और जब तक न्याय नहीं हो जाता तब तक हम चैन की सांस नहीं लेंगे।''
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मजीठिया पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं। पंजाब के पूर्व मंत्री के खिलाफ राज्य में मादक पदार्थ रैकेट की जांच से संबंधित 2018 की रिपोर्ट के आधार पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में राज्य की अपराध शाखा ने मोहाली पुलिस थाने में 49 पृष्ठों की प्राथमिकी दर्ज की थी।