क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पद्मश्री से सम्मानित किसान बोले, झारखंड में कृषि की बहुत संभावनाएं, कृषि कॉरिडोर से बढ़ेगी आमदनी

पद्मश्री से सम्मानित किसान बोले, झारखंड में कृषि की बहुत संभावनाएं, कृषि कॉरिडोर से बढ़ेगी आमदनी

Google Oneindia News

धनबाद, 28 जुलाई: देश के प्रसिद्ध किसान पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि झारखंड में कृषि के क्षेत्र में बेहतर संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में सब्जियों के अलावा धान और गेहूं की कृषि से किसान दोगुनी आय प्राप्त कर सकते हैं। एक बेहतर गेहूं अथवा धान के बीज से 15 प्रतिशत तक ज्यादा खेतों में उत्पादन हो सकता है। ऐसे में किसान पारंपरिक खेती से आगे आकर नवीनतम खेती का रास्ता अपनाएं। अकेले खेती करने से ज्यादा बेहतर किसान समूह में आकर खेती करें।

chandrashekhar singh FARMER

चंद्रशेखर सिंह राष्ट्रीय सीड कमेटी के सदस्य भी हैं। बनारस के रहने वाले चंद्रशेखर सिंह का पारिवारिक कारणों से धनबाद आना हुआ। इस दौरान दैनिक जागरण में बेहतर कृषि के लिए उनसे बातचीत की। 2021 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों उन्हें पद्मश्री का सम्मान मिला है।

पद्मश्री सिंह ने कहा कि जिस प्रकार वाराणसी में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया गया है, उसी प्रकार किसानों के लिए भी कृषि कॉरिडोर की जरूरत है। किसान अच्छे बीज से अपने उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। इसके बाद इसकी खुद से प्रोसेसिंग करके उत्‍पाद को बाजार तक पहुंचा सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि यदि किसान समूह बनाकर अलग-अलग काम करें तो कॉरिडोर बन सकता है। ऑर्गेनिक विधि से फार्मिंग से जहां किसान ज्यादा लाभ कमा सकते हैं। उपभोक्ताओं को भी बेहतर अनाज मिल सकता है।

उन्‍होंने कहा क‍ि जब उत्पाद खेतों से चलकर शहर तक पहुंचेंगे, तब किसानों के लिए एक टेस्टिंग लैब भी शहर में बनाया जाना चाहिए। इसके लिए स्थानीय निकाय किसानों को सहयोग करें। उन्‍होंने कहा कि लैब टेस्टिंग का फायदा यह है कि उपभोक्ताओं को शुद्ध जैविक फार्मिंग का उत्पाद मिलेगा, वहीं किसानों को ऊंचे दामों पर उत्पाद बेचने की छूट होगी।

पद्मश्री सिंह ने अभी तक 9 प्रकार के गेहूं और धान के बीज का पेटेंट कराया है। उन्‍होंने कहा कि इन बीजों से खेतों में उत्पादन क्षमता 15 प्रतिशत से ज्यादा हो जाती है। इसका प्रयोग करके किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। कहा कि झारखंड के किसानों के लिए भी वह निशुल्क बीज टेस्टिंग के लिए दे सकते हैं।

सिंह ने बताया कि लगभग 32 वर्ष पूर्व से वह बीज पर शोध का काम कर रहे हैं। अब शोध का परिणाम सामने आ रहा है। एक बीज के लिए लगभग 10 वर्ष का समय लगा है। बताया कि शोध के लिए पहले खेतों में जाते हैं, हजारों धान अथवा गेहूं के पौधे के बीच मजबूत बाली की पहचान की जाती है, जिसकी ऊंचाई अच्छी हो, जिसमें पैदावार अच्छी हो, जो कीटाणुमुक्त हो, जिसका पत्ता हरा भरा हो और उस में लगातार बदलाव होता रहे। ऐसे पौधे के बीज को वह अपने बनारस के फार्म हाउस में ले जाकर शोध शुरू करते हैं। परिणाम यह है कि अब अच्छे किस्म के बीज प्राप्त हो रहे हैं।

ये भी पढ़ें- MP: क्या भाजपा में चल रहा है कोल्ड वॉर, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के गढ़ में सिंधिया समर्थक ने मारी सेंधये भी पढ़ें- MP: क्या भाजपा में चल रहा है कोल्ड वॉर, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के गढ़ में सिंधिया समर्थक ने मारी सेंध

Comments
English summary
padma shri FARMER chandrashekhar singh Says Jharkhand has a lot of potential for Agriculture
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X