सीएम खट्टर से मिले भारतीय मूल के जर्मन सांसद, म्यूजिक कार्यक्रम का दिया निमंत्रण
जर्मन में राजनीतिक रूप से पूरी तरह से ना केवल एक्टिव बल्कि एक सांसद के रूप में राजनीतिक वर्चस्व हासिल कर चुके भारतीय मूल के राहुल मंगलवार को मुख्यमंत्री से मिलने हरियाणा सचिवालय पहुंचे। राहुल मूल रूप से हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले हैं जो कि जर्मन में एक बिजनेसमैन के रूप में मजबूती स्थापित कर चुके पिता के पास बचपन में ही चले गए थे। आज राहुल पूरे एशिया के एकमात्र सांसद जर्मन में मौजूद हैं। वह हरियाणा ही नहीं पूरे देश के युवाओं के लिए जर्मन में मदद करने की इच्छा रखते हैं। राहुल ने जर्मनी में हर साल होने वाले एक बड़े स्केल के म्यूजिक कार्यक्रम में शामिल होने तथा हरियाणा के लिए रिप्रेजेंटेशन करने को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को निमंत्रण दिया है। यह कार्यक्रम मई माह में आयोजित किया जाता है। जिस पर राहुल ने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय ने तुरंत इस कार्यक्रम को लेकर कैलेंडर में तारीख नोट करवाई है और मुझे उम्मीद है कि वह हमें निराश नहीं करेंगे और आने वाले साल में होने वाले इस कार्यक्रम में हरियाणा भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएगा।
राहुल जर्मनी के फ्रेंकफुट प्रदेश में सांसद है और अपने प्रदेश में योग और आयुर्वेद के बढ़ावा को लेकर कई फैसले ले चुके हैं। भारत की धरोहर योग और आयुर्वेद की उपस्थिति जर्मन में भी हो, इसे लेकर देश के कई अध्यापकों को इन्होंने वहां काम करने का- बढ़ावा देने का भी मौका दिया है। उन्होंने बताया कि योग -आयुर्वेद को लेकर कई दूसरे देशों के लोगों ने वहां कार्य किया और वह बेहद कामयाब भी हुए।। इसलिए यह सोच उत्पन्न हुई कि हमारे देश के लोगों को भी मौका मिलना चाहिए। जर्मन के सांसद राहुल ने बताया कि स्वामी आदित्यनाथ ने अपने टूर के दौरान भी वहां ना केवल योग और आयुर्वेद के लाभ से पार्लियामेंट को रूबरू करवाया, जहां फ्रैंकफोर्ट के पार्लियामेंट में आचार्य का स्वागत हुआ, जिस पार्लियामेंट में डिस्कशन के दौरान अच्छा नहीं बोला जाता था, गलतियां निकाली जाती थी, वहां इस डेलिगेशन टूर के दौरान आचार्य ने मंत्र जाप किया, मंत्र उच्चारण से मिली सकारात्मक ऊर्जा के चलते मात्र 1 माह बाद दिवाली फेस्टिवल मनाना हमारे लिए अच्छा संकेत था।
मदद
को
हम
तैयार
:
राहुल
सांसद
राहुल
ने
कहा
कि
जर्मन
का
स्ट्रक्चर
इंग्लैंड
की
तरह
है।
जहां
अलग-अलग
तरह
के
सांसद
होते
हैं।
कुछ
केंद्र
और
कुछ
प्रदेश
में
बैठते
हैं।
मैं
फ्रेंकफुट
का
का
सांसद
हूं
और
हमेशा
अपने
प्रदेश
और
देश
के
लोगों
की
कैसे
मदद
करूं,
एक
सिस्टम
में
रहकर
किस
प्रकार
से
अपने
लोगों
को
आगे
बढ़ाउ
हमेशा
इस
सोच
के
साथ
कार्य
करता
हूं।
राहुल
ने
देश
के
युवाओं
को
एक
संदेश
देते
हुए
कहा
कि
हमारी
हेल्प
से
पहले
उन्हें
अपनी
खुद
हेल्प
करनी
होगी।
खुद
जागृत
होकर
मन
में
संकल्प
लाना
होगा।
यूरोप
में
जाकर
शिक्षा
लेने
के
लिए
स्टडी
विजा
में
हम
मदद
करेंगे,
उनके
रहने
की
व्यवस्थाओं
और
नर्सिंग
मेडिकल
में
जॉब
को
लेकर
भी
मदद
करेंगे।
लेकिन
उनकी
खुद
की
इच्छा
शक्ति
और
आत्मबल
पहले
मजबूत
होगा
तो
हम
हर
तरह
की
मदद
के
लिए
तैयार
हैं।
'अवसर
का
इंतजार
नहीं,
पैदा
करें'
राहुल
ने
हरियाणा
पंजाब
के
युवाओं
के
विदेशों
में
जाने
के
आकर्षण
के
सवाल
पर
बोलते
हुए
कहा
इसे
एक
चलन
और
भेड़
चाल
के
रूप
में
भी
देखा
जा
सकता
है।
उसने
किया
और
मैं
भी
करूं।
लेकिन
ऐसा
जरूरी
नहीं
कि
अपने
देश
में
रहकर
बिजनेस
को
सेटअप
नहीं
किया
जा
सकता।
भारत
की
इकोनामी
आने
वाले
10
साल
में
बहुत
मजबूत
होने
वाली
है।
इसलिए
यहां
भी
एक
अच्छा
विकल्प
है।
लेकिन
अगर
बिजनेस
को
अच्छे
सिस्टम
और
तरीके
से
किया
जाए
यह
तभी
संभव
होगा।
यूरोपीय
देशों
में
सिस्टम
अच्छा
रहने
के
कारण
कामयाबी
में
थोड़ी
आसानी
रहती
है।
लेकिन
बहुत
से
लोग
दूसरे
देशों
से
लौट
कर
अपने
देश
में
भी
सिस्टम
को
स्टैकअप
कर
चुके
हैं।
बस
काम
इच्छाशक्ति
से
करने
की
जरूरत
है।
जब
दिल
में
किसी
काम
करने
की
इच्छा
है
तो
डिले
नहीं
करना
चाहिए।
आलस
को
छोड़कर
मेहनत
करने
की
जरूरत
है।
कहीं
भी
थाल
सज
कर
सामने
नहीं
आता।
मैं
यहां
आया
हूं
इसलिए
ही
मेरी
खबर
लगेगी।
घर
बैठा
रहता
तो
यह
संभव
नहीं
था।
अपॉर्चुनिटी
का
इंतजार
नहीं
करना
इसे
पैदा
करने
की
जरूरत
है।