हरियाणा : इस सत्र के लिए स्कूलों को मिली अस्थाई मान्यता
लंबे समय से मान्यता की बाट देख रहे अस्थाई स्कूलों के लिए एक राहत भरी खबर है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश में 30 अप्रैल 2003 से पहले स्थापित ऐसे सभी स्कूलों को आगामी सत्र में एडमिशन न करने का घोषणा पत्र देने की शर्त पर इस शैक्षणिक सत्र के लिए एक्सटैंशन देने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही इन स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों के समक्ष परीक्षा देने का संशय खत्म हो गया है। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली का आभार व्यक्त किया है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू व सीनियर उपाध्यक्ष संजय धत्तरवाल ने कहा कि 9वीं व 11वीं कक्षा की हरियाणा बोर्ड की परीक्षाएं 23 फरवरी से तथा 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं 27 फरवरी से प्रस्तावित हैं, लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के 1338 अस्थाई व परमिशन प्राप्त स्कूलों को एक्सटैंशन लैटर जारी नहीं किया गया था। इसके चलते उन्हें शिक्षा बोर्ड भिवानी से संबंद्धता नहीं मिली है और इन स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों के रैगुलर फार्म नहीं भरे गए थे।
जिससे उनका एक साल खराब होने का खतरा मंडरा रहा था। इस समस्या को लेकर संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने गत दिवस पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के आवास पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करते हुए स्कूलों को एक वर्ष के लिए एक्सटैंशन देने की मांग उठाई थी। इसी संदर्भ में स्कूल शिक्षा विभाग ने बुधवार को पत्र जारी करते हुए अप्रैल 2003 से पहले चल रहे स्कूलों को इस शैक्षणिक सत्र के लिए एक्सटैंशन देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही यह शर्त भी लगाई है कि संबंधित स्कूलों को यह एक्सटैंशन तभी मिलेगी, जब ये स्कूल आगामी शैक्षणिक सत्र में नियमों को पूरा किए बिना एडमिशन न करने का घोषणा पत्र दाखिल करेंगे।
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प्रदेशाध्यक्ष कुंडू ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि स्कूलों को एक्सटैंशन देने से इन स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि अन्य परमिशन प्राप्त स्कूलों को भी एक्सटैंशन दी जाए ताकि इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य खराब न हो। इसके अलावा आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए इन सभी स्कूलों को नियमों में ढील दी जाए ताकि ये स्कूल नियम पूरे करते हुए स्थाई मान्यता ले सके और उन्हें हर बार इस तरह परेशानी का सामना न करना पड़े।