CM केसीआर की घोषणा- तेलंगाना में STs को मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण और भूमि का मालिकाना हक
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शनिवार को घोषणा की कि सरकार अगले सप्ताह से शिक्षा और रोजगार में अनुसूचित जनजातियों (Schedule Tribes) के लिए आरक्षण को मौजूदा 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत
हैदराबाद,19 सितंबरः तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शनिवार को घोषणा की कि सरकार अगले सप्ताह से शिक्षा और रोजगार में अनुसूचित जनजातियों (Schedule Tribes) के लिए आरक्षण को मौजूदा 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर देगी. उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार भूमिहीन एसटी समुदाय के परिवारों के लिए जल्द ही गिरिजन बंधु योजना लागू करेगी, जिसके तहत पोडु भूमि (जंगल क्षेत्र की कृषि योग्य भूमि) पर पात्र आदिवासियों को स्वामित्व अधिकार देने के बाद, दलित बंधु के बराबर, प्रत्येक आदिवासी परिवार को 10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी. राव ने कहा, 'हमने पोडु भूमि के मुद्दों को हल करने के लिए सभी जिलों में समन्वय समितियां गठित की हैं. सभी पात्र परिवारों को पोडु भूमि पर स्वामित्व अधिकार मिलेगा. मैंने मुख्य सचिव से भूमिहीन आदिवासियों की सूची देने के लिए कहा है, जिन्हें गिरिजन बंधु योजना में शामिल किया जाएगा.'
एनटीआर स्टेडियम में आयोजित 'तेलंगाना आदिवासी-बंजारा आत्मीय सभा' में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा, मैंने लंबे समय से इंतजार किया है. मेरे लिए अब और इंतजार करना मुश्किल है. इस कारण मैंने एसटी समुदाय के लिए 10 प्रतिशत कोटा लागू करने का फैसला किया है. अगले सप्ताह इस संबंध में सरकारी आदेश जारी कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री राव ने कहा, 'मैं 5 साल से अधिक समय से अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बार-बार अनुरोध करके तंग आ चुका हूं. केंद्र की मंजूरी के लिए अब और इंतजार नहीं कर सकता. बढ़े हुए आरक्षण पर एक गवर्नमेंट ऑर्डर जारी किया जाएगा, भले ही हमारे पास केंद्र की मंजूरी हो या नहीं.' राव ने पीएम मोदी से तय करने के लिए कहा कि क्या वह इस GO (Government Order) को लागू करने में उनकी मदद करेंगे या इसे अवरुद्ध करके खुद के लिए नई मुसीबत खड़ी करेंगे. तेलंगाना विधानसभा ने पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (शैक्षणिक संस्थानों में सीटों और राज्य की सेवाओं में नियुक्तियों या पदों के लिए आरक्षण) विधेयक, 2017 पारित किया था, जिसमें BC-E कैटेगरी के तहत एसटी समुदाय के लिए आरक्षण 6 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत और मुसलमानों के लिए 4 से 12 प्रतिशत किया गया था.
केसीआर
की
घोषणा
को
लागू
करने
पर
होगा
सुप्रीम
कोर्ट
के
आदेश
का
उल्लंघन
इस
विधेयक
को
मंजूरी
के
लिए
केंद्र
के
पास
भेजा
गया
था,
जहां
यह
लंबित
है.
संयोग
से,
यह
बिल
सुप्रीम
कोर्ट
द्वारा
आरक्षण
पर
निर्धारित
50
प्रतिशत
की
ऊपरी
सीमा
का
उल्लंघन
करता
है.
यदि
मुख्यमंत्री
के.
चंद्रशेखर
राव
की
घोषणा
के
अनुरूप
तेलंगाना
सरकार
गवर्नमेंट
ऑर्डर
जारी
करते
अगले
सप्ताह
से
एसटी
समुदाय
के
लिए
10
प्रतिशत
कोटा
लागू
करती
है,
तो
कुल
आरक्षण
54
प्रतिशत
हो
जाएगा.
वहीं,
अगर
केंद्र
सरकार
तेलंगाना
विधानसभा
में
पारित
एसटी
और
मुसलमानों
के
लिए
बढ़ाए
गए
आरक्षण
कोटा
को
मंजूरी
देती
है,
तो
यह
62
प्रतिशत
हो
जाएगा.
तेलंगाना
में
पिछड़ी
जातियों,
अनुसूचित
जाति
और
जनजाति
समुदायों
के
लिए
कुल
आरक्षण
वर्तमान
में
सुप्रीम
कोर्ट
की
सीमा
के
अनुरूप
50
प्रतिशत
है.
मुख्यमंत्री
राव
ने
जनसभा
को
संबोधित
करते
हुए
पूछा,
तमिलनाडु
69
प्रतिशत
आरक्षण
लागू
कर
रहा
है.
केंद्र
ने
तमिलनाडु
को
संविधान
की
नौवीं
अनुसूची
के
तहत
इसे
शामिल
करके
छूट
दी
है,
ताकि
यह
सुनिश्चित
हो
सके
कि
इस
मामले
को
किसी
भी
अदालत
में
चुनौती
नहीं
दी
जा
सके.
केंद्र
तेलंगाना
को
भी
यह
छूट
क्यों
नहीं
दे
सकता?
प्रधानमंत्री
और
केंद्रीय
गृह
मंत्री
अमित
शाह
को
पिछले
5
वर्षों
में
तेलंगाना
में
अनुसूचित
जनजातियों
के
लिए
आरक्षण
का
कोटा
बढ़ाने
से
कौन
रोक
रहा
है?'
उन्होंने दावा किया कि अगर केंद्र टीएस आरक्षण विधेयक को मंजूरी देता है, तो उसे राष्ट्रपति की सहमति आसानी से मिल जाएगी. क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद एसटी वर्ग से संबंधित हैं और वह इस बिल को अपनी सहमति देने में संकोच नहीं करेंगी. राव ने कहा कि संविधान में जनसंख्या के अनुपात के आधार पर आरक्षण पर रोक लगाने का कोई प्रावधान नहीं है. के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि अविभाजित आंध्र प्रदेश में, एसटी को उनकी आबादी के अनुपात में छह प्रतिशत आरक्षण दिया गया था. विभाजन के बाद, तेलंगाना में एसटी आबादी बढ़कर 10 प्रतिशत हो गई. तेलंगाना ने एसटी के लिए उनकी आबादी के अनुपात में 10 प्रतिशत कोटा बढ़ाने की सभी जरूरी शर्तों को पूरा किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से कई बार प्रधानमंत्री मोदी से इस मुद्दे को लेकर मिल चुके हैं और उन्हें कई पत्र लिखकर एसटी समुदाय के लिए कोटा बढ़ाने के लिए केंद्र की मंजूरी की मांग भी कर चुके हैं. उन्होंने भूमिहीन आदिवासियों के लिए लंबित पोडु भूमि मुद्दों के समाधान के बाद 10 लाख रुपये प्रति परिवार गिरिजन बंधु को लागू करने का वादा किया.