CM Hemant Soren ने महान समाज सेविका सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि पर की श्रद्धांजलि अर्पित
सोरेन ने कहा कि सावित्रीबाई फुले जी के संघर्ष को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार ने किशोरी समृद्धि योजना शुरू की थी।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश की पहली महिला शिक्षिका, महान समाज सेविका सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
किशोरियों
को
इस
योजना
का
मिल
रहा
है
लाभ
सोरेन
ने
कहा
कि
सावित्रीबाई
फुले
जी
के
संघर्ष
को
सम्मान
देने
के
लिए
राज्य
सरकार
द्वारा
किशोरी
समृद्धि
योजना
शुरू
की
गई।
सोरेन
ने
कहा
कि
आज
झारखंड
की
6
लाख
51
हजार
से
अधिक
किशोरियों
को
इस
योजना
का
लाभ
मिल
रहा
है।
सावित्रीबाई
फुले
के
बारे
में
पढ़ें
खास
बातें
सावित्रीबाई
फुले
एक
कवयित्री,
महान
समाज
सुधारक
और
भारत
की
पहली
महिला
शिक्षिका
थीं।
उनका
जन्म
महाराष्ट्र
के
एक
किसान
परिवार
में
3
जनवरी
1831
को
हुआ
था।
सावित्रीबाई
फुले
के
पिता
का
नाम
खंडोजी
नेवसे
और
माता
का
नाम
लक्ष्मीबाई
था।
उन्होंने
महात्मा
ज्योतिबा
फुले
के
साथ
मिलकर
सन्
1848
में
बालिकाओं
के
लिए
एक
विद्यालय
की
स्थापना
की
उनके
पति
ज्योतिबा
भी
समाजसेवी
थे।
सन् 1840 में मात्र 9 वर्ष की उम्र में सावित्रीबाई फुले का विवाह 12 वर्ष के ज्योतिराव फुले के साथ हुआ, वे बहुत बुद्धिमान, क्रांतिकारी, भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक एवं महान दार्शनिक थे। उन्होंने अपना अध्ययन मराठी भाषा में किया था। महिला अधिकार के लिए संघर्ष करके सावित्रीबाई ने जहां विधवाओं के लिए एक केंद्र की स्थापना की, वहीं उनके पुनर्विवाह को लेकर भी प्रोत्साहित किया। उस समय जब लड़कियों की शिक्षा पर सामाजिक पाबंदी बनी हुई थी, तब सावित्रीबाई और ज्योतिराव ने वर्ष 1848 मात्र 9 विद्यार्थियों को लेकर एक स्कूल की शुरुआत की थी।
सावित्रीबाई और ज्योतिराव फुले की कोई संतान नहीं हुई। अत: उन्होंने एक ब्राह्मण विधवा के पुत्र यशवंत राव को गोद लिया था, जिसका उनके परिवार में काफी विरोध हुआ तब उन्होंने परिवार वालों से अपने सभी संबंध समाप्त कर लिया। ऐसी महान हस्ती सावित्रीबाई फुले का पुणे में लोगों का प्लेग के दौरान इलाज करते समय वे स्वयं भी प्लेग से पीड़ित हो गईं और उसी दौरान 10 मार्च 1897 को उनका निधन हो गया था।