एक मंच पर होंगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल रमेश बैस
रांची,21 नवंबर- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल रमेश बैस एक मंच पर साथ नजर आयेंगे। राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस की गैरमजूदगी पर कई सवाल खड़े हुए, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच सब क
रांची,21 नवंबर- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल रमेश बैस एक मंच पर साथ नजर आयेंगे। राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस की गैरमजूदगी पर कई सवाल खड़े हुए, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच सब कुछ ठीक नहीं है, इसे लेकर भी राज्य में राजनीति तेज रही। झारखंड विधानसभा का 22वां स्थापना दिवस समारोह मंगलवार से शुरू है। यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल रमेश बैस करेंगे मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे हेमंत सोरेन।
जोर-शोर से चल रही है तैयारी, रंगारंग होगा कार्यक्रम
इस
समारोह
के
पहले
दिन
सीमा
पर
और
नक्सली
हिंसा
में
शहीद
हुए
जवानों
के
आश्रित
परिवार
को
सम्मानित
किया
जाना
है।
राज्य
में
इस
साल
10वीं
और
12वीं
के
टॉपर्स
स्टूडेंट्स
को
भी
इस
समारोह
में
सम्मानित
किया
जायेगा।
विधानसभा
की
त्रैमासिक
पत्रिका
उड़ान
का
भी
लोकार्पण
इस
कार्यक्रम
में
होना
है।
इस
समारोह
में
रबींद्रनाथ
महतो
द्वारा
लिखित
पुस्तक
संसदीय
दायित्व
के
तीन
साल
का
भी
लोकार्पण
किया
जाएगा।
तैयारी
जोर-शोर
से
चल
रही
है।
कार्यक्रम
में
सर्वश्रेष्ठ
विधायक
के
रूप
में
चयनित
बगोदर
से
माले
विधायक
विनोद
सिंह
को
सम्मानित
किया
जायेगा।
तीन
दिनों
तक
कार्यक्रम
होंगे।
इस
कार्यक्रम
में
23
नवंबर
से
सांस्कृतिक
समेत
अन्य
कार्यक्रम
होंगे.
विधानसभा
द्वारा
केंद्र-राज्य
संबंध
पर
राष्ट्रीय
सम्मेलन
का
आयोजन
किया
गया
है।
इस
कार्यक्रम
में
डॉ
कुमार
विश्वास
और
उनके
साथियों
का
काव्य
पाठ
होगा
साथ
ही
स्थानीय
कलाकारों
द्वारा
प्रस्तुति
दी
जायेगी.
24
नवंबर
को
छात्र
संसद
का
आयोजन
किया
गया
है।
हर
साल
होता
रहा
है
आयोजन
रांची
के
धुर्वा
में
बना
नया
विधानसभा
भवन
39
एकड़
में
फैला
हुआ
है.
शिलान्यास
12
जून
2015
को
हुआ
था.
तीन
मंजिली
इमारत
के
निर्माण
में
465
करोड़
की
लागत
आयी
है.
झारखंड
गठन
के
बाद
वर्ष
2001
से
झारखंड
विधानसभा
का
स्थापना
दिवस
मनाया
जा
रहा
है.
पिछले
22
वर्षों
में
वर्ष
2009,
2014
व
2019
को
छोड़
हर
वर्ष
झारखंड
विधानसभा
का
स्थापना
दिवस
समारोह
मनाया
गया.
इस
आयोजन
में
हर
साल
एक
विधायक
को
सर्वश्रेष्ठ
विधायक
का
पुरस्कार
प्रदान
किया
जाता
रहा
है.
विधायक
विनोद
सिंह
मजबूती
से
रखते
हैं
अपना
पक्ष
विनोद
सिंह
ने
अपने
पिता
विधायक
महेंद्र
सिंह
की
हत्या
के
बाद
सक्रिय
राजनीति
में
सक्रिय
हुए।
16
जनवरी
2005
को
नक्सलियों
ने
महेंद्र
सिंह
की
हत्या
कर
दी
थी।
इसके
बाद
विनोद
सिंह
बगोदर
विधानसभा
से
माले
की
टिकट
पर
चुनाव
लड़े
और
जीत
कर
विधायक
बने।
वर्ष
2009
में
बगोदर
से
ही
दूसरी
बार
विधायक
चुने
गये।
2014
का
विधानसभा
चुनाव
नहीं
जीत
पाये।
साल
2019
के
विधानसभा
चुनाव
में
इन्होंने
तीसरी
बार
चुनाव
जीता
।
अब
तक
के
सर्वश्रेष्ठ
विधायक
2001
विशेश्वर
खां
2002
हेमलाल
मुर्मू
2003
राजेंद्र
प्रसाद
सिंह
2004
लोकनाथ
महतो
2005
अन्नपूर्णा
देवी
2006
राधाकृष्ण
किशोर
2007
पशुपति
नाथ
सिंह
2008
इंदर
सिंह
नामधारी
2010
जनार्दन
पासवान
2011
माधव
लाल
सिंह
2012
रघुवर
दास
2013
लोबिन
हेंब्रम
2015
प्रदीप
यादव
2016
स्टीफन
मरांडी
2017
विमला
प्रधान
2018
मेनका
सरदार
2020
नलिन
सोरेन
2021
रामचंद्र
चंद्रवंशी