Char dham yatra ने बनाए कई कीर्तिमान, यहां 200 करोड़ से ज्यादा कारोबार का अनुमान
चारधाम यात्रा में बन रिकॉर्ड, आर्थिक स्थिति हुई मजबूत
उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस सीजन के आखिरी पड़ाव पर है। पहले अन्नकूट पर बुधवार को गंगोत्री, अब भैया दूज पर केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस बार की यात्रा कई मायनों में खास रही है। एक तरफ रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए दूसरी तरफ सरकार के प्रयासों से कोरोना काल के बाद चार धाम यात्रा की रौनक दोबारा पटरी पर लौटती हुई नज़र आई। चारधाम यात्रा ने इस वर्ष तमाम रिकॉर्ड तोड़ कर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ़ घोड़ा खच्चरों, हेली टिकट और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े से लगभग 211 करोड़ के आस-पास कारोबार हुआ है।
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46 लाख यात्रियों ने इस वर्ष चार धाम यात्रा की
मुख्यमंत्री
पुष्कर
सिंह
धामी
ने
चारधाम
यात्रा
के
सफल
संचालन
को
लेकर
ख़ुशी
जताते
हुए
कहा
कि
प्रधानमंत्री
जी
के
कथनानुसार
आने
वाला
दशक
उत्तराखण्ड
है
उसकी
शुरूआत
आज
से
ही
हो
चुकी
है।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
सरकार
का
प्रयास
है
कि
यात्रा
से
स्थानीय
लोगों
की
आजीविका
में
वृद्धि
हो
और
आय
के
श्रोत
और
बढ़ें,
इसके
लिए
सरकार
हर
स्तर
पर
काम
कर
रही
है।
उन्होंने
कहा
कि
सरकार
के
प्रयासों
व
कुशल
यात्रा
प्रबंधन
की
बदौलत
46
लाख
यात्रियों
ने
इस
वर्ष
चार
धाम
यात्रा
की।
पिछले
दो
दशक
में
यह
सबसे
अधिक
आँकड़ा
है
वहीं
श्री
केदारनाथ
धाम
की
अकेले
बात
की
जाए
तो
यहाँ
15
लाख
36
हजार
तीर्थ
यात्रियों
ने
बाबा
केदार
के
दर्शन
किए।
आत्मनिर्भर
भारत
की
संकल्पना
को
भी
यात्रा
साकार
करती
है।
चारधाम
यात्रा
प्रदेश
की
आर्थिकी
की
लाईफ
लाईन
है।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
प्रधानमंत्री
जी
ने
देश
की
सांस्कृतिक
विरासत
को
पुनर्स्थापित
किया
है।
प्रधानमंत्री
जी
के
विजन
के
अनुरूप
केदारनाथ
व
बदरीनाथ
धाम
का
पुनर्विकास
किया
जा
रहा
है।
केदारनाथ में हुआ ₹190 करोड़ से अधिक का कारोबार
इस वर्ष केदारनाथ यात्रा स्थानीय व्यवसाइयों के लिहाज़ से भी काफ़ी बेहतर रही। सिर्फ़ यात्रा के टिकट, घोड़ा खच्चरों और हेली और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो लगभग 190 करोड़ के आस-पास यह कारोबार हुआ है। दावा है कि केदारनाथ धाम इस बार घोड़े खच्चर व्यवसाइयों ने क़रीब 1 अरब 9 करोड़ 28 लाख रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया। जिससे सरकार को भी 8 करोड रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ। यात्रा सुगम बनाने को लेकर प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े खच्चर पंजीकृत किए थे इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की। वही डंडी कंडी वालों ने 86 लाख रुपए की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपए का कारोबार किया। इधर सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ।
यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का हुआ 21 करोड़ का कारोबार
इधर दावा है कि यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार इस साल हुआ है। यमनोत्री धाम में लगभग 2900 घोड़े खच्चर पंजीकृत हैं, ज़िला पंचायत के अनुसार इस साल यात्रा काल में 21 करोड़ 75 लाख का कारोबार हुआ है। यह आँकड़ा भी रिकॉर्ड तोड़ है।
GMVN की अनुमानित आय भी ₹50 करोड़ के क़रीब
इसके अलावा चारधाम यात्रा में यात्रा मार्ग के सभी होटल, होमस्टे, लाज और धर्मशालाएं भी पिछले 6 माह तक बुक रही। पिछले सालों तक ळडटछ जहां आर्थिक नुक़सान झेल रहा था इस साल अगस्त तक 40 करोड़ की आय कर चुका है। GMVN के प्रबंध निदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि यह आँकड़ा 50 करोड़ के क़रीब जाने का अनुमान है। इसके अलावा चारधाम यात्रा से जुड़े टैक्सी व्यवसायों ने भी पिछले सालों की औसत आय से तीन गुना अधिक का कारोबार किया है।