
भाजपा सांसदों ने कमान संभाली,चारों दिशाओं से निकली तिरंगा यात्रा, दिल्ली में हर तरफ देशभक्ति के रंग
नई दिल्ली, 14 अगस्त: हर घर तिरंगा अभियान यात्रा दिल्ली के उत्तर से लेकर दक्षिण व पूरब से लेकर पश्चिम तक निकाली गई। शनिवार को भाजपा सांसदों ने इसकी कमान संभाली। सांसद मनोज तिवारी ने सिग्नेचर ब्रिज से बाइक तिरंगा रैली में शरीक हुए तो दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कुतुब मीनार से ध्वजारोहण कार्यक्रम के बाद तिरंगा रैली का आयोजन किया। इसी तरह पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के नेतृत्व में नजफगढ़ में विशाल तिरंगा बाइक रैली निकाली गई।

भारत के अमृत महोत्सव पर हर घर तिरंगा अभियान की धूम रही। शनिवार को भाजपा सांसदों ने एक तरफ अभियान की कमान संभाली तो दूसरी तरफ व्यापारी व आरडब्ल्यूए संगठन भी पीछे नहीं रहे। सांसद रमेश बिधूड़ी ने सुबह 5:30 बजे दक्षिणी दिल्ली जिले के संगम विहार में 4 किलोमीटर की पैदल तिरंगा यात्रा निकाली। इसमें स्कूली बच्चे, अभिभावक, अध्यापकों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
अभियान के तहत दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में 1 लाख 75 हजार झंडें लगाए जाएंगे। पश्चिमी दिल्ली सांसद प्रवेश साहिब सिंह के नेतृत्व में नजफगढ़ में तिरंगा बाइक रैली निकाली गई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को 2 लाख तिरंगा दिया गया है, ताकि हर घर में तिरंगा लग सके।
सांसद मनोज तिवारी ने तिरंगा मोटरसाइकिल यात्रा, तिरंगा पदयात्रा प्रभात फेरी और राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर आजादी का अमृत उत्सव मनाया। सुबह 8 बजे पूर्वी करावल नगर में प्रभात फेरी में भाग लिया तो बुराड़ी में 4 किलोमीटर लंबी तिरंगा पदयात्रा की। इसके बाद शाहदरा के श्यामलाल कॉलेज में 100 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया। उन्होंने शाम 4 बजे सिग्नेचर ब्रिज से नंद नगरी तक लगभग 4 किलोमीटर लंबी तिरंगा मोटरसाइकिल रैली का नेतृत्व किया।
इस अवसर पर मनोज तिवारी ने कहा कि गुमनाम शहीदों को याद करने के लिए आजादी के इतिहास को खंगालने की जरूरत पड़ती थी लेकिन आज अमर शहीदों के गौरव तिरंगा को लेकर भाजपा घर घर पहुंच रही है। रैली में जिला प्रभारी सत्यनारायण गौतम, उपाध्यक्ष आनंद त्रिवेदी, आशीष तिवारी समेत कई कार्यकर्ताओं शामिल रहे।
तिरंगे की आकृति बना बच्चे बने हर घर तिरंगा अभियान के गवाह
तिरंगा झंडा की आकृति बनाकर बच्चे भी हर घर तिरंगा अभियान के गवाह बने। मौका था राजघाट स्थित 'गांधी दर्शन' में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के आयोजन का। प्रतियोगिता में आए बच्चों ने तिरंगे के चित्र को उकेरा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में हिंदू, मुस्लिम समेत अन्य धर्मों के बच्चे व उनके माता-पिता ने हिस्सा लिया।
बच्चों के लिए गांधी दर्शन वाले तीनों संग्रहालय को खोल दिया गया था ताकि वे महात्मा गांधी के संदेश और क्ले मॉडल्स के माध्यम से दर्शाए गए स्वतंत्रता संग्राम को देख सके। इस दौरान बच्चों ने आकर्षक थ्रीडी डिजिटल डोम भी देखा। बच्चे अलग-अलग तरह के रंग लेकर प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचे थे। जब बच्चों से पूछा गया कि 'हर घर तिरंगा' किसका नारा है, तब बच्चों ने एक सुर से कहा कि नरेंद्र मोदी का।
कांग्रेस ने निकाली आजादी की गौरव यात्रा
आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस ने सभी 14 जिलों में आजादी की गौरव यात्रा निकाली। गौरव यात्रा वजीरपुर जेजे कालोनी से शुरु होकर शंकर चौक, त्रिनगर तक निकली वहीं बाबरपुर जिले में गौरव यात्रा मेन रेड लाईट सीलमपुर चौक से गोकुलपुरी रेड लाइट तक निकाली गई।
जिला अध्यक्ष मनोज यादव और जिला अध्यक्ष जुबैर अहमद ने यात्राओं का आयोजन किया। दिल्ली के पूर्व मंत्री डॉ. नरेन्द्र नाथ ने कहा कि कांग्रेर्स आजादी की गौरव यात्रा भाजपा की मोदी सरकार और दिल्ली की अरविंद सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए निकाल रही है। कम्युनिकेशन विभाग के चैयरमेन अनिल भारद्वाज ने कहा कि स्वतंत्रता की 75 वर्षगांठ मनाने के सच्चे अधिकारी कांग्रेस के सैनिक है जिन्होंने आजादी के अंग्रेजों से लड़कर अपनी कुर्बानियां दीं।
जीबी पंत अस्पताल में निकाली गई तिरंगा यात्रा : दिल्ली सरकार के जीबी पंत अस्पताल में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर शनिवार को पैरामेडिकल टेक्निकल इंप्लायज यूनियन और एनपीएचए ने तिरंगा यात्रा निकाली।
कोर्ट में तिरंगा न्याय की मूर्ति रखने की मांग
पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी क्रम में दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर अदालतों में तिरंगा और न्याय की मूर्ति रखने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट समेत दिल्ली के सभी जिला न्यायालयों के भीतर व मुख्य द्वार पर तिरंगा लगाने की मांग की है।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि लोगों का न्याय पालिका में अटूट विश्वास है। लोग यहां बड़ी उम्मीद के साथ आते हैं। न्यायालयों को न्याय का मंदिर माना जाता है। न्यायिक दृष्टिकोण का सबसे महत्वपूर्ण रूप न्याय की मूर्ति है।
यह पहली ऐसी छवि है, जो कानून और न्याय जैसे शब्द का उपयोग होने पर किसी व्यक्ति के दिमाग में बनती है। लेकिन यह निराशाजनक है कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के किसी भी न्यायाधीश की बेंच पर न तो तिरंगा और न ही न्याय की मूर्ति रखी जाती है।