झारखंड सरकार का बड़ा फैसला, प्रयाग संगीत समिति-प्राचीन कला केंद्र को मान्यता
रांची,9 अक्टूबरः झारखंड के हाई स्कूलों में नियुक्ति के बाद हटाए गए संगीत शिक्षक बहाल रहेंगे। राज्य सरकार ने इनकी संगीत की उपाधि को मान्यता देते हुए इन नव नियुक्त शिक्षकों को बहाल रखने का निर्णय लिया है। इन्हें पूरी अवध
रांची,9 अक्टूबरः झारखंड के हाई स्कूलों में नियुक्ति के बाद हटाए गए संगीत शिक्षक बहाल रहेंगे। राज्य सरकार ने इनकी संगीत की उपाधि को मान्यता देते हुए इन नव नियुक्त शिक्षकों को बहाल रखने का निर्णय लिया है। इन्हें पूरी अवधि का वेतन भी मिलेगा। सरकार ने पूर्व में इन शिक्षकों की उपाधि को मान्यता नहीं होने के आधार पर सेवामुक्त करते हुए वेतन भुगतान पर रोक लगा दी थी। इसके विरोध में प्रभावित शिक्षक कोर्ट चले गए थे। अब राज्य सरकार ने कोर्ट के निर्णय तथा मामले की समीक्षा के बाद उनकी सेवा बरकरार रखने का निर्णय लिया।
राज्य में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से चल रही हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति के क्रम में ये संगीत शिक्षक प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद तथा प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ से प्राप्त संगीत की उपाधि के आधार पर नियुक्त हुए थे। नियुक्ति के बाद जब गोड्डा के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने राज्य सरकार से इनकी उपाधि की मान्यता को लेकर मंतव्य मांगा तो विभाग ने पाया कि दोनों संस्थानों के नाम यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों/विश्वविद्यालयों की सूची में नहीं है।
इस आधार पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इनकी उपाधि की मान्यता नहीं होने का हवाला देते हुए इन उपाधि पर सभी जिलों में नियुक्त संगीत शिक्षकों वेतन भुगतान पर रोक लगा दी। इस बीच, प्रभावित शिक्षकों ने इस आदेश के विरोध में झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने का आदेश पारित किया।
हालांकि राज्य सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए एलपीए याचिका दायर कर दी। इस बीच विभाग ने मामले की समीक्षा में पाया कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने इन दोनों संस्थानों को मान्यता प्रदान की है। साथ ही दोनों संस्थानों की मान्यता को लेकर कुछ न्याय निर्णय भी हैं। इन सभी की समीक्षा के बाद सरकार ने इनकी उपाधि के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति बरकरार रखने का निर्णय लिया।
शेष नियुक्तियों में भी दोनों सस्थानों की उपाधि को मान्यता
राज्य सरकार ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से संगीत शिक्षकों के शेष पदों पर होनेवाली बहाली में भी दोनों संस्थानों की उपाधि की मान्यता देने का निर्णय लिया है। इसका लाभ सैंकड़ों अभ्यर्थियों को मिलेगा, क्योंकि इन सभी ने इन दोनों संस्थानों से संगीत की उपाधि प्राप्त की है। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य सरकार ने शेष पदों पर राज्य स्तरीय मेधा सूची तैयार कर नियुक्ति का निर्णय लिया है। विषयवार नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
अपवाद के रूप में एक बार के लिए ही मान्यता
दोनों संस्थानों की उपाधि के आधार पर नियुक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान का प्रस्ताव जब वित्त विभाग के पास भेजा गया तो इस विभाग ने इसपर सशर्त स्वीकृति प्रदान की। वित्त विभाग ने अपवाद के रूप में इस तथ्य के साथ सहमति दी कि सुधारात्मक उपाय के तहत भविष्य में उन संस्थानों/ विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदत्त स्नातक या स्नातकोत्तर उपाधि को ही नियुक्ति हेतु मान्यता प्राप्त प्रदान की जाए जो यूजीसी से मान्यता प्राप्त है। इसके लिए शिक्षक तथा शारीरिक प्रशिक्षक आदि से संबंधित सभी नियुक्ति नियमावली में यह प्रविधान अनिवार्य रूप से कर दिया जाए।