Andhra Pradesh: विशेष मुख्य सचिव बोले- मानव संसाधन सरकार के लिए सबसे बड़ी संपत्ति
विशेष मुख्य सचिव (वित्त) एस एस रावत ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए सरकारी खजाने पर भारी वित्तीय बोझ को स्वीकार किया क्योंकि सरकार मानती है कि मानव संसाधन सरकार की सबसे बड़ी संपत्ति है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने बीते रविवार को कहा कि उसने राजस्व की भारी कमी का सामना करने के बावजूद पिछले साढ़े तीन साल में कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई उपाय किए हैं। विशेष मुख्य सचिव (वित्त) एस एस रावत ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए सरकारी खजाने पर भारी वित्तीय बोझ को स्वीकार किया क्योंकि यह मानता है कि मानव संसाधन सरकार की सबसे बड़ी संपत्ति है।
वित्त विभाग के विशेष सचिव ने कहा सरकार जल्द से जल्द सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को क्लियर करने के लिए सभी उपाय कर रही है। सभी जिला कोषागार कार्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक माह की 15 से 24 तारीख के बीच कर्मचारियों के वेतन बिल तैयार करें ताकि बाद के माह के प्रथम कार्य दिवस पर अधिकांश कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जा सके।
उन्होंने कहा हर महीने की 21 तारीख तक उनके वेतन की निकासी सुनिश्चित करने के लिए आशा, आंगनवाड़ी और मध्याह्न भोजन कर्मियों जैसे योजना-आधारित कर्मचारियों को मजदूरी के भुगतान को कारगर बनाने के लिए विशेष उपाय किए गए थे। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों के वेतन में पहले कई महीनों की देरी हो जाती थी।
विशेष मुख्य सचिव (वित्त) एस एस रावत ने कहा सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लाभ के लिए APCOS बनाया ताकि उन्हें हर महीने के पहले वेतन का भुगतान किया जा सके। जुलाई 2019 में कर्मचारियों को 27 प्रतिशत अंतरिम राहत दी गई, जिससे कर्मचारियों पर लगभग 11,984 करोड़ और पेंशनरों पर 5,933 करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़कर 17,918 करोड़ हो गया।
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