आंध्र: एंबुलेंस के लिए मांगी गई मोटी रकम, स्कूटर पर ले गया बेटे का शव, टीडीपी ने सरकार को घेरा
तिरुपति, 27 अप्रैल: आंध्र प्रदेश में सरकारी अस्पताल की ओर से एंबुलेंस के लिए मोटी रकम मांगे जाने और इसे दे सकने में नाकाम एक पिता को अपने बेटे का शव स्कूटर पर ले जाना पड़ा। करीब 90 किमी ये शख्स बेटे को शव को स्कूटर पर ले गया। मामला श्री वेंकटेश्वर रामना रामनारायण रुइया अस्पताल का है, जहां इलाज के दौरान मौत के बाद शव ले जाने के अस्पताल ने एंबुलेंस नहीं दी। इस घटना को लेकर विपक्षी दल टीडीपी ने राज्य की जगन रेड्डी सरकार को घेरा है।
ये घटना सोमवार रात की है। अन्नामाया जिले के चितवाल मंडल गांव के एक व्यक्ति के 10 साल के बीमार बेटे की तिरुपति के श्री वेंकटेश्वरा रामनारायण रुइया गवर्नमेंट जनरल अस्पताल में मौत हो गई। अस्पताल के एंबुलेंस ड्राइवर और उस समय ड्यूटी पर मौजूद हॉस्पिटल स्टाफ ने गांव तक शव लेकर जाने के लिए बेहद मोटी रकम की मांग की। अस्पताल से गांव करीब 90 किलोमीटर दूर है। गरीब परिवार से होने के कारण बाप उनकी मांगी हुई रकम नहीं दे सका। इसके बाद कोई दूसरा विकल्प नहीं मिलने पर मजबूरी में उसे शव को स्कूटर पर ही लेकर जाना पड़ा।
टीडीपी ने सरकार के घेरा
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट कर लिखा, मेरा दिल इस मासूम के लिए रो रहा है, जो तिरुपति के रुइया अस्पताल में मर गया है। उसका पिता एंबुलेंस का अरेंज करने के लिए गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन वो नहीं आई। मोर्चरी वैन के इनकार करने पर प्राइवेट एंबुलेंस प्रोवाइडर्स ने बच्चे को अंतिम संस्कार के लिए घर तक ले जाने को मोटी रकम की मांग की। बताया गया है कि मामले के लेकर अस्पताल की सुपरिटेंडेंट ने नाइट ड्यूटी पर मौजूद पूरे स्टाफ और सिक्योरिटी से जवाब तलब किया है।
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