आखिर शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को क्यों लगाई जाती है हल्दी?
नई दिल्ली। भारत परंपराओं का देश है, यहां शादी को बहुत बड़ा संस्कार माना जाता है, जिसके लिए दुनिया भर के रीति-रिवाजों निभाये जाते हैं, यहां हर परंपरा का कुछ ना कुछ मतलब होता है। तमाम रिवाजों में सबसे लोकप्रिय है हल्दी का लगना, कोई भी शादी बिना हल्दी के पूरी नहीं होती है, हल्दी का प्रयोग हमारे यहां काफी पवित्र माना गया है। कहते हैं ना कोई भी शुभकाम करना हो तो पहले लोग हल्दी को छुआते हैं, शादी के बंधन में बंधन से पहले लड़के-लड़की की हल्दी की रस्म होती है लेकिन जब किसी के घर में किसी का देहांत हो जाता है लोग 13 दिनों तक हल्दी खाना बंद कर देते हैं।
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि क्यों है हल्दी इतनी पवित्र और क्यों किसी के जन्म-मरण से इसे जोड़कर देखा जाता है..चलिए जानते हैं विस्तार से....
धार्मिक कारण
हल्दी का रंग आसानी से जाता नहीं है इसी कारण लोग इसका शादियों में प्रयोग करते हैं ताकि वर-वधू के प्यार का रिश्ता हल्दी की तरह अमिट रहे।
रंग निखारे
हल्दी में प्राकृतिक गुण होते हैं जो कि त्वचा का रंग निखाते हैं, इसी कारण यह सदियों से वर-वधू के चेहरों और शरीर पर लगती आ रही है, ताकि शादी के वक्त लड़की और लड़के का रंग निखरा हुआ और फ्रेश दिखे।
पौराणिक कारण
मान्यता है कि हल्दी से खाने का रंग सुंदर हो जाता है इसलिए शोकाकुल घरों में इसे दुख के वक्त खाने में डाला जाता नहीं है और इसके जरिये लोग अपने दुख और संवेदनाओं को प्रकट करते हैं।
वैज्ञानिक कारण
हल्दी एक एंटी बायोटिक है, जो खाने के अंदर के सारे बैक्टीरिया का खात्मा कर देती है, इसी कारण लोग इसका प्रयोग भोजन में करते हैं। लोग चोट लगने में हल्दी वाला दूध पीते हैं ताकि अंदरूनी चोटों से बिना दवाई खाये छुटकारा मिल सके।हल्दी के अंदर काफी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम विटामिन ई, सी और के, सोडियम, जिंक, आयरन के अलावा पोटैशियम, कॉपर भी होता है जो बहुत सारे रोगों से लड़ने में मदद करता है।