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Nirjala Ekadashi पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, जानिए इस व्रत की पूजा विधि और कथा

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वाराणसी। आज ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की 'निर्जला एकादशी' है, आज का दिन बेहद पावन है, काशी के घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा सकती है, आज हजारों की संख्या में लोगों ने यहां गंगा में डुबकी लगाई है। इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है, आज के दिन लोग उपवास रखते हैं, ये अंत्यंत कठिन व्रत है क्योंकि जेठ की दोपहर में दिनभर बगैर पानी के उपवास रखना आसान काम नहीं है। इस व्रत को करने से दीर्घायु तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है, मान्यता है कि इस एकादशी को करने से वर्ष की 24 एकादशियों का व्रत रखने के समान फल मिलता है।

निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ: 12 जून शाम 06:27
एकादशी तिथि समाप्‍त: 13 जून 04:49

विधि

  • यह व्रत पर नर नारी दोनों को करना चाहिए।
  • इस दिन निर्जल व्रत करते हुए भगवान विष्णु की अराधना का विशेष महत्व है।
  • इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जप करके गोदान, वस्त्र दान, छत्र, फल आदि का दान करना चाहिए

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कथा

कथा

जब सर्वज्ञ वेदव्यास ने पांडवों को चारों पुरुषार्थ- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष देने वाले एकादशी व्रत का संकल्प कराया तो महाबली भीम ने निवेदन किया- पितामह! आपने तो प्रति पक्ष एक दिन के उपवास की बात कही है। मैं तो एक दिन क्या एक समय भी भोजन के बगैर नहीं रह सकता- मेरे पेट में 'वृक' नाम की जो अग्नि है, उसे शांत रखने के लिए मुझे कई लोगों के बराबर और कई बार भोजन करना पड़ता है। तो क्या अपनी उस भूख के कारण मैं एकादशी जैसे पुण्यव्रत से वंचित रह जाऊंगा?

भीम की समस्या का निदान

भीम की समस्या का निदान

पितामह ने भीम की समस्या का निदान करते और उनका मनोबल बढ़ाते हुए कहा- नहीं कुंतीनंदन, धर्म की यही तो विशेषता है कि वह सबको धारण ही नहीं करता, सबके योग्य साधन व्रत-नियमों की बड़ी सहज और लचीली व्यवस्था भी उपलब्ध करवाता है। अतः आप ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की निर्जला नाम की एक ही एकादशी का व्रत करो और तुम्हें वर्ष की समस्त एकादशियों का फल प्राप्त होगा। निःसंदेह तुम इस लोक में सुख, यश और प्राप्तव्य प्राप्त कर मोक्ष लाभ प्राप्त करोगे।

पांडव एकादशी या भीमसेनी एकादशी

पांडव एकादशी या भीमसेनी एकादशी

इस पर भीम इस एकादशी का विधिवत व्रत करने को सहमत हो गए। इसलिए वर्ष भर की एकादशियों का पुण्य लाभ देने वाली इस श्रेष्ठ निर्जला एकादशी को लोक में पांडव एकादशी या भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है।

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Comments
English summary
Nirjala Ekadashi 2019 is a holy day falling on the 11th lunar day of the waxing fortnight of the Hindu month of Jyestha. Devotees take holy dip in Ganga on Nirjala Ekadashi today,
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