Shattila Ekadashi 2022: ध्रुव योग में 28 जनवरी को आएगा षटतिला एकादशी व्रत
नई दिल्ली, 24 जनवरी। माघ माह के कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी 28 जनवरी 2022 को ध्रुव योग की साक्षी में आ रही है। ध्रुव योग को आयुष्य वर्द्धक माना गया है। इसलिए इस योग में आने वाली एकादशी का व्रत करने वाले की आयु और आरोग्य में वृद्धि होगी। साथ ही षटतिला एकादशी का व्रत रखने से समस्त प्रकार के सुख-ऐश्वर्य वैभव प्राप्त होंगे।
अपने नाम के अनुरूप षटतिला एकादशी के दिन तिल को छह प्रकार से प्रयोग में लाया जाता है। इस दिन तिल का उबटन लगाना, तिल मिश्रित जल से स्नान करना, तिल से तर्पण करना, तिल से हवन करना, तिल का दान करना और तिल का सेवन करना चाहिए। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु का तिल से पूजन किया जाता है। इससे समस्त प्रकार के सुख-वैभव, भोग और मोक्ष प्राप्त होते हैं।
षटतिला एकादशी व्रत पूजा विधि
एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व जागकर, उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान भुवन भास्कर को जल का अर्घ्य अर्पित करें। पूजा स्थान में साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनकर पहले नित्य दैवों की पूजा करें, फिर एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। एकादशी व्रत का संकल्प लें और विधि-विधान से पूजन करें। विष्णुजी को तिल से बनी मिठाई का नैवेद्य लगाएं। एकादशी व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। एक मिट्टी, तांबे या कांसे के पात्र में तिल भरकर उसका पूजन करें। सुख-सौभाग्य की कामना के साथ यह पात्र किसी ब्राह्मण को दान दें। दूसरे दिन द्वादशी के दिन व्रत का पारण करें। इसके लिए किसी ब्राह्मण दंपती को भोजन करवाकर या भोजन बनाने की संपूर्ण सामग्री भेंटकर उचित दान-दक्षिणा देकर सम्मान करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें। इस एकादशी के दिन तिल और खोपरे को फलाहार के रूप में ग्रहण करना चाहिए।
षटतिला एकादशी व्रत के लाभ
- इस एकादशी में तिल का प्रयोग किया जाता है। तिल स्वास्थ्यवर्धक होती है। इससे शारीरिक आरोग्यता की प्राप्ति होती है। रोगों से मुक्ति मिलती है और आयु में बढ़ोतरी होती है। इस बार तो आयुवर्द्धक ध्रुव योग में एकादशी आ रही है इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
- इस एकादशी के व्रत से संपूर्ण सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। धन संपत्ति का अभाव दूर होता है।
- इस व्रत को पति-पत्नी को साथ में करने के निर्देश शास्त्रों में दिए हुए हैं। इससे पारिवारिक सुख सौभाग्य प्राप्त होता है।
एकादशी व्रत कब से कब तक
- एकादशी तिथि प्रारंभ 28 जनवरी को सूर्योदय पूर्व रात्रि 2.17 बजे से
- एकादशी तिथि पूर्ण 28 जनवरी को रात्रि 11.37 बजे तक
- व्रत का पारण 29 जनवरी को प्रात: 6.30 से 8.30 बजे के मध्य।