Sharad Purnima 2022: क्यों मनाते हैं शरद पूर्णिमा? क्या है पूजा विधि? क्या है इसका महत्व?
Sharad Purnima 2022: आज अश्विनमास की पूर्णिमा है और आज से ही शरद ऋतु प्रारंभ हो रही है इसलिए आज की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। कहते हैं कि आज चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त होता है। आज के दिन को प्रेम, त्याग और समर्पण का दिन माना जाता है क्योंकि ऐसा पौराणिक कथाओं में वर्णन है कि आज की रात श्रीकृष्ण ने ब्रज की धरती में गोपियों संग रास रचाया था। इसलिए लोगों का मानना है कि अगर आज की रात प्रेम करने वाले चांद को साथ में निहारे तो उनके प्रेम की आयु बहुत ज्यादा लंबी होती है और उन पर राधा-कृष्ण का आशीष हमेशा बरसता रहता है।
यही नहीं आज के दिन मां लक्ष्मी का भी दिन होता है, ऐसा करने से घर में सुख-शांति का वास होता है। आज के दिन लोग दान-पुण्य भी करते हैं तो वहीं पर कहीं-कहीं पर देवी जागरण भी रखा जाता है। कुछ लोगों का ये भी मानना है आज के दिन आसमान से अमृत की वर्षा होती है इसलिए लोग मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाते हैं और उसके बाद आसमान के नीचे रखते हैं, जिसमें उस खीर में अमृत का वास हो।
पूजा विधि
- आज सबसे पहले नहा-धोकर, साफ कपड़े पहनकर घर के पूजा स्थान को साफ-सुथरा करें।
- फिर एक चौकी पर लाल-पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
- फिर उस पर मां लक्ष्मी की तस्वीर रखें।
- फिर चावल-अक्षत से उनकी पूजा करें।
- गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, सुपारी, दक्षिणा आदि से पूजा करें।
- शरद पूर्णिमा व्रत की कथा सुनें।
- खीर का भोग लगाएं।
- आरती करें।
- चंद्रमा को अर्ध्य दें।
- प्रसाद बांटें।
- अगर उपवास रखे हुए हैं मीठा भोजन ग्रहण करें।
रंगोली बनाए
कहते हैं कि आज मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं। इसलिए आज लोग घरों के सामने रंगोली सजाते हैं और घरों को दीपक से सजाते हैं। जिससे मां लक्ष्मी उनके घरों में पधारें और घर-परिवार को आशीष देकर जाएं।
Sharad Purnima 2022: शरद पूर्णिमा आज, जानिए महत्व और पूजा विधि