गोविंद मिश्र को साहित्य अकादमी पुरस्कार
गोविंद मिश्रा के साथ अलग-अलग भाषाओं में लिखने वाले देश के कुल 21 साहित्यकारों को राष्ट्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। इनमें सात उपन्यासकार शामिल हैं।
उपन्यासकारों के अलावा छह कवि, पांच लघुकथा लेखक और तीन आलोचकों को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ये पुरस्कार 17 फरवरी को दिल्ली में आयोजित होने वाले एक विशेष समारोह में दिये जाएंगे।
प्रत्येक साहित्यकार को पुरस्कार के तौर पर इन्हें 50,000 रुपये नकद और स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा।
जिन उपन्यासकारों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया हैं उनमें रीता चौधरी (असमिया), विद्या सागर नरजारी (बोडो), श्रीनिवास बी. वैद्य (कन्नड़), अशोक कामत (कोंकणी), श्याम मनोहर (मराठी) और मित्तर सैन मीत (पंजाबी) हैं। कवियों में शरत कुमार मुखोपाध्याय (बंगाली), चंपा शर्मा (डोगरी), ए.ओ. मेमचूबी (मणिपुरी), प्रमोद कुमार मोहंती (उड़िया), ओम प्रकाश पांडे (संस्कृत), जयंत परमार (उर्दू) हैं।
इसके अलावा लघुकथा लेखकों में सुमन शाह (गुजराती), श्री 'किरत' (नेपाली), दिनेश पांचाल (राजस्थानी), बादल हेमबम (संथाली) और मेलनमाइ पान्नुसामी (तमिल) को चुना गया है। कश्मीरी लेखक नबी आताश और सिंधी लेखक हीरो शेवकानी का भी इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चयन किया गया है।
मलयालम में निबंध संग्रह 'मधुरम निंते जीवितम' के लिए केपी अप्पन को इस अवॉर्ड के लिए चुना गया है। अप्पन का इसी महीने देहांत हो गया है। अंग्रेजी के लिए इस बार किसी को पुरस्कार नहीं दिया जाएगा, क्योंकि अकादमी ने इस वर्ष अंग्रेजी की किसी भी रचना को इस पुरस्कार के लिए उपयुक्त नहीं माना है। मैथिली और तेलुगू के लिए पुरस्कार की घोषणा बाद में होगी।