क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मुजफ्फरनगर दंगा: शोलों में फिर जलता हिन्दुस्तान

By दिगंबर नासवा
Google Oneindia News

रीति गलियाँ, भय, सन्नाटा पथ सारा सुनसान मिला
चहल पहल क्रंदन से गुंजित बस्ती का शमशान मिला

दहन हुआ भाई चारा सब रिश्ते नाते बदल गए
खामोशी सी पसर गई है पथराया इंसान मिला

गोली, बरछे, डंडे, लाठी तलवारों का खेल हुआ
तकरीरों के शोलों में फिर जलता हिन्दुस्तान मिला

सुलगे मन, टूटी आशाएं, खुले हुए ज़ख्मों के ढेर
आँखों में सूना सूना सा बादल इक वीरान मिला

झगडा टन्टा मार पिटाई जिसकी खातिर सब लफड़े
मंदिर मस्जिद सब थे किंतु कहीं नहीं भगवान मिला

Comments
English summary
A Impressive Poetry on Muzaffarnagar Riots written by Oneindia Reader and Poet Digamber Naswa.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X