Kartik Snan 2022: कार्तिक स्नान 9 अक्टूबर से 8 नवंबर तक, जानिए महत्व
Kartik Snan 2022: कार्तिक मास भगवान विष्णु की भक्ति और आराधना का मास है। कार्तिक मास में संयमित जीवन व्यतीत करते हुए भगवान विष्णु-लक्ष्मी का विधिवत पूजन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस पूरे मास में व्रती लोग संकल्प लेकर पवित्र नदियों, सरोवरों आदि के किनारे प्रात: तारों की छाया में स्नान करके भगवान की आराधना करते हैं। कार्तिक स्नान 9 अक्टूबर 2022 से प्रारंभ होकर 8 नवंबर 2022 तक रहेगा।
कार्तिक स्नान और कार्तिक व्रत का महत्व
जो मनुष्य कार्तिक स्नान करना चाहता है और कार्तिक मास के व्रत रखना चाहता है उसे विशेष नियमों का पालन करना होता है। इस मास में सूर्योदय से पूर्व तारों की छाया में स्नान करने और सायंकाल में तारों की छाया में भोजन किया जाता है। इसे तारा स्नान और तारा भोजन कहा जाता है। पुराणों में इस तरह के स्नान को पापों से मुक्त करने वाला और कई पवित्र स्नानों के बराबर फल देने वाला बताया गया है।
कार्तिक पूर्णिमा पर करें उजमना
जो लोग कार्तिक का व्रत रखते हैं उन्हें इसके पूर्ण होने पर उजमना करना होता है। व्रत के अंतिम दिन अर्थात् कार्तिक पूर्णिमा पर उजमना करते हैं। उजमना में पांच सीधे, पांच सुराही किसी ब्राह्मण को दान दिए जाते हैं। एक साड़ी पर समस्त सुहाग सामग्री, रुपये रखकर सास या सास के समान किसी महिला के चरण स्पर्श करके भेंट देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
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