Skanda Sashti July 2021: स्कंद षष्ठी 2021 तिथि, महत्व और पूजा की विधि
नई दिल्ली, 14 जुलाई। आषाढ़ मास की स्कंद षष्ठी व्रत 2021, 15 जुलाई दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। हिंदी पंचांग के अनुसार ये स्कंद षष्ठी का व्रत हर महीने की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा की जाती है। कार्तिकेय भगवान भगवान के बड़े पुत्र हैं जिन्हें देवताओं का सेनापति स्कंदर कुमार भी कहा जाता है। दक्षिण भारत में षष्ठी का व्रत मुख्य रूप से रखा जाता है।
स्कंद षष्ठी 2021 तिथि
15 जुलाई दिन गुरुवार को स्कंद षष्ठी का व्रत है इसका पचांग के अनुसार ये तिथि प्रात: 07 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होगाी जो 16 जुलाई दिन शुक्रवार को प्रात: 06 बजकर 06 मिनट तक रहेगी।यहीं कारण है कि पंडितों के अनुसार इस बार स्कंद षष्ठी का व्रत 16 जुलाई को रखा जाएगा और अगले दिन पारण किया जाएगा। जब पंचमी तिथि समाप्त होती है या षष्ठी तिथि सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच शुरू होती है, तो पंचमी और षष्ठी दोनों संयुग्मित होती हैं। इस दिन को स्कंद षष्ठी व्रत के लिए चुना जाता है। इसलिए, पंचमी तिथि पर स्कंद षष्ठी व्रत मनाया जा सकता है।
स्कंद
षष्ठी
में
पूजा
करने
की
विधि
15
जुलाई
के
सुबह
स्नान
करके
स्वच्छ
कपड़े
पहकर
हाथ
में
जल
लेकर
स्कंद
षष्ठी
व्रत
और
भगवान
कार्तिकेय
का
मन
में
स्मरण
करके
पूजा
का
संकल्प
लें।
और
इसके
बाद
मां
पार्वती
और
भगवान
शिव
के
साथ
भगवाना
स्कंद
की
मूर्ति
या
फोटो
रखें।
भगवान
शिव
और
मां
पार्वती
की
पूजा
अर्चना
पहले
करें।
इसके
बाद
भगवान
कार्तिकेय
को
दीप,
फल,
मेवा,
गंध,
अक्षत
कपूर,
फूल
आदि
से
विधिवत
पूजा
करें
औभ
कार्तिकेय
भगवान
का
मंत्र
और
जाप
करें।
पूजा
संपन्न
होने
पर
अपने
बच्चों
और
परिवार
के
खुशहाली
की
प्रार्थना
करें
और
सभी
लोगों
में
प्रसाद
वितरित
कर
दें।