भगवान शिव को प्रिय है धतूरा, जानिए इसके लाजवाब फायदे
लखनऊ। हिन्दू धर्म में धतूरे की बड़ी मान्यता है क्योंकि धतूरा शिव जी को बहुत प्रिय है। धतूरे को शिव जी पर चढ़ाने से भोले बाबा अत्यन्त प्रसन्न हो जाते है। आचार्य चरक ने इसे कनक कहा है और सुश्रुत ने उन्मत्त नाम दिया है। आयुर्वेद से इसे विष श्रेणी में रखा गया है।
आज हम आपको काले धतूरे के लाभकारी प्रयोग बताते हैं....
भूतप्रेत बाधा या ऊपरी हवा से मुक्ति के लिए
शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को काले धतूरे की जड़ ले आये। फिर उसका पंचोपचार, गंगाजल, शहद, दूध, दही, बूरा से स्नान कराकर धूप-दीप करें} पूजन से शुद्ध करके घर के ईशान कोण की तरफ पड़ने वाले शिव मन्दिर से चरणामृत लाकर उस पर छिड़कें ‘ऊॅ नमः शिवाय' की 11 माला जपें एवं लोबान की धूनी देकर काले धागे में लपेटकर रोगी की दाहिनी भुजा में बाॅध दें। ऐसा करने से पीड़ित व्यक्ति के ठीक हो जाने पर चावल को उबालकर घी व बूरे के साथ अमावस्या के दिन किसी गाय को खिला दें। यह उपाय करने से भूत-प्रेत बाधा से आपको मुक्ति मिलेगी।
रोग व गृह कलह को दूर करने के लिए
- असाध्य रोग व गृह कलह को समाप्त करने के लिए काले धूतरे की जड़ की भभूत को एक काले कपड़े में बाॅधकर घर की दक्षिण दिशा में रखने रोग व गृह कलह का शमन होता है।
- वीर्य स्तभंन-काले धतूरे की बीज को पीसकर नाभि पर लेप लगाने के बाद संभोग करने से स्तंभन होता है।
ओज शक्ति में वृद्धि होती है
- ओज शक्ति बढ़ाने के लिए-धतूरे के पचांग का चूर्ण बनाकर उसे भैंस के रूधिर में मिलाकर संध्या के समय अपने शरीर पर धूप देने से ओज शक्ति में वृद्धि होती है एवं प्रेम जाग्रत होता है।
- जीवन साथी का प्यार मिले-सफेद सरसों, तुलसी, धतूरा, औंगा और तिल का तेल-इन सबको एकत्र कर खूब महीन पीसकर पुरूष या स्त्री अपने शरीर पर लेप करती है, उसका जीवन साथी उसे भूरपूर प्रेम करता है।
- स्वप्नदोष-अपनी माता का नाम प्याज के रस से एक कागज पर लिखकर बिस्तर में सिर की तरफ रख लें व हाथ-पाॅव धोकर 5 बार हनुमान जी का नाम लें व काले धतूरे की जड़ को कमर में बाॅधने से स्वप्न दोष नहीं होता है।
- बवासीर रोग में-जो लोग बवासीर के रोग से परेशान रहते है, वे काले धतूरे की जड़ का एक टुकड़ा काले धागे में पिरोकर कमर में बाॅध लेने से हर प्रकार का बवासीर रोग ठीक हो जाता है।
- गठिया रोग में-काले धतूरे के पत्तों को पीसकर उसे लेप बनाकर रोग वाले स्थान पर लगाने से गठिया रोग में विशेष लाभ मिलता है।
- नोट-धतूरा एक विष है, इसके बीजों सेंवन करने से बचना चाहिए।
काले धतूरे की जड़ का प्रयोग करे
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